Chaibasa : आदिवासी उरांव समाज चाईबासा के खेल एवं संस्कृत संस्थान की और से 39 वां शहीद राम भगवान केरकेट्टा करमा पर्व दो-दिवसीय फुटबॉल प्रतियोगिता हर्षों उल्लास के साथ संपन्न हुआ. इस समापन समारोह के बतौर मुख्य अतिथि के रूप में मिथिलेश कुमार ठाकुर मंत्री, पेयजल एवं स्वच्छता, झारखंड सरकार, एवं विशिष्ट अतिथि सुखराम उरांव विधायक चक्रधरपुर, सुश्री लक्ष्मी सुरीन जिला परिषद अध्यक्षा पश्चिमी सिंहभूम, संदीप बक्शी उप विकास आयुक्त पश्चिम सिंहभूम चाईबासा उपस्थित रहे.

इस प्रतियोगिता में विजेता टीम को मंत्री मिथिलेश ठाकुर के हाथों ट्रॉफी एवं नगद पुरस्कार दिया गया एवं उपविजेता टीम को विशिष्ट अतिथि के रूप में आए विधायक सुखराम उरांव एवं जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सूरीन के संयुक्त रूप से हाथों ट्रॉफी एवं नगद पुरस्कार दिया गया.

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समापन समारोह में खिलाड़ी एवं उपस्थित दर्शकों को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि के रूप में आए मंत्री मिथिलेश ठाकुर ने कहा कि आदिवासी उरांव समाज हमेशा से ही खेल खिलाड़ियों को लेकर ही सजग रहा है. मैं इस समाज के बहुत ही करीब रहा हूं. यह समाज खेल खिलाड़ियों को प्रोत्साहन देने के साथ-साथ सामाजिक कार्यों में भी अपनी सहभागिता को निभाने में कभी पीछे नहीं हटता है. जहां तक मेरी जानकारी है कि यह उरांव समाज आज देश व समाज में बढ़-चढ़कर अपनी सेवा को दे रहा है. चाहे वह रक्त के मामले में हो, या फिर मरीजो को कभी भी आपातकालीन स्थिति में अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस सेवा का माध्यम हो या फिर और कुछ भी कार्य हो, आदिवासी उरांव समाज आज समाज उपयोगी कार्यों में अपनी सहभागिता निभाने में कभी पीछे नहीं रहा है.

मिथिलेश ठाकुर ने इस सफल आयोजन के लिए आयोजित कमिटी एवं प्रतियोगिता में शामिल सभी खिलाड़ियों को भी बधाई दी. उन्होंने खिलाड़ियों से कहा कि इस तरह के आयोजन में आपने अपनी उपयोगिता को दिखाई, अपनी क्षमता को दिखाया. आपकी आज की हार कल आपकी जीत का कारण बनेगी. क्योंकि आपने आज के इस मैच में क्या गलती की है, उसका आपको अनुभव प्राप्त होगा.

कार्यक्रम में संबोधित करते हुए विशिष्ट अतिथि विधायक सुखराम उरांव ने कहा कि मुझे बहुत खुशी है कि शहर चाईबासा में हमारे आदिवासी उरांव समाज लगातार कई वर्षों से प्रकृति का महापर्व भादो एकादशी व्रत करमा के त्योहार पर इस तरह के फुटबॉल प्रतियोगिता का आयोजन करते आ रही है. चाईबासा के सभी उरांव समाज से जुड़े और क्षेत्रीय कमेटी के सभी पदाधिकारी अधिकारी को धन्यवाद देता हूं कि आप लोगों ने मुझे इस कार्यक्रम में इस प्रतियोगिता में बुलाया और मेरा मान सम्मान बढ़ाया. हर संभव प्रयास करूंगा कि समाज के विकास हेतु, खेल खिलाड़ियों के विकास हेतु जो भी योगदान हो सके, हरसंभव मैं हमेशा इसके लिए तत्पर रहूंगा.

विदित हो कि यह प्रतियोगिता कल यानी 28 सितंबर को शुरू हुई थी, और कल के सफल खेल के बाद आज क्वार्टर फाइनल, सेमीफाइनल एवं फाइनल का मैच हुआ. 40 टीमों की इस प्रतियोगिता में मुख्य रूप से सेमीफाइनल तक पहुंचने वाली तेलंगाखुरी चाईबासा, सेता हाका चक्रधरपुर, बिरसानगर जमशेदपुर और बंगाल टाइगर पुरुलिया बंगाल की टीम पहुंची. जिसमें फाइनल में बिरसानगर जमशेदपुर और बंगाल टाइगर पुरुलिया बंगाल ने अपने-अपने मैच जीतकर फाइनल में प्रवेश किया और दोनों टीमों के बीच फाइनल मैच हुई, जिसमें विजेता बंगाल टाइगर पुरुलिया और उपविजेता के रूप में बिरसानगर जमशेदपुर रही.

मालूम हो कि इस दो दिवसीय फुटबाल प्रतियोगिता को सफल बनाने में विजेता एवं उपविजेता का ट्रॉफी का पुरस्कार अनिल लकड़ा, सुनील लकड़ा एवं सुधीर लकड़ा नदीपार चाईबासा के द्वारा अपने अपने बड़े भैया स्वर्गीय प्रेमचंद लकड़ा के पुण्य स्मृति में दिया गया. बेस्ट स्कोरर, बेस्ट गोलकीपर, एवं मैन ऑफ द मैच का पुरस्कार लक्ष्मी डिजिटल एक्स-रे के संचालक पंकज खलखो नदीपार चाईबासा, निशुल्क भोजन की व्यवस्था अजीत कच्छप एवं परिवार, पुलहातु चाईबासा के द्वारा उनके पिताजी स्वर्गीय कालीचरण कच्छप के पुण्य स्मृति में दिया गया. निशुल्क चना, गुड़ की व्यवस्था तेजो कच्छप एवं भोला कुजूर बान टोला चाईबासा, निशुल्क माइक सेट एवं जनरेटर की व्यवस्था मथुरा कोया बान टोला चाईबासा की ओर से दिया गया.

इस दो दिवसीय फुटबाल एवं खेलकूद प्रतियोगिता को सफल बनाने में मुख्य रूप से संचू तिर्की, अनिल लकड़ा, सहदेव किस्पोट्टा, बाबूलाल बरहा, लालू कुजूर, लक्ष्मण बरहा, दुर्गा खलखो, मंगल खलखो, प्रकाश कुमार गुप्ता,अजीत कच्छप, गोपाल टोप्पो, भगवानदास तिर्की,रमेश कुजूर, बिजयलक्ष्मी लकड़ा, मालती लकड़ा, लक्ष्मी कच्छप,ननकी लकड़ा लक्ष्मी बरहा, सुमित्रा एक्का,सावित्री कच्छप,शांति कुजूर, सुभद्रा कच्छप, रजनी मिंज उपस्थित थे. कार्यक्रम में मुख्य रूप से पंकज खलखो, सुमित बरहा, रोहित खलखो, महेश तिर्की, सुबीर लकड़ा, गोविन्द लकड़ा, शम्भु टोप्पो, राजु तिग्गा, गणेश कच्छप, सीताराम मुंडा, रोहित लकड़ा शुभम लकड़ा, विष्णु मिंज, राजेश कच्छप, विष्णु प्रसाद, उमेश प्रसाद, खुदिया कुजूर, चंदन कच्छप आदि उपस्थित थे.

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