Saraikela (सरायकेला) : राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली की सदस्य डॉ.आशा लकड़ा ने सरायकेला पहुंचकर जिले में अनुसूचित जनजातियों पर चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं की जानकारी ली. सामाजिक एवं आर्थिक क्षेत्र में उनकी उन्नति के बारे में विभाग पदाधिकारी से बातचीत की.
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राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग नई दिल्ली के सदस्य डॉ आशा लकड़ा सर्वप्रथम समहरणालय सभा कक्ष में आदिवासी संगठन के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की लगभग 2 घंटे तक बातचीत के दौरान उन्होंने जिले में आदिवासियों के लिए चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी ली. इसके पश्चात उपायुक्त रवि शंकर शुक्ला, उप विकास आयुक्त प्रभात कुमार तथा संबंधित सभी विभागों के पदाधिकारी के साथ बैठक की. यह बैठक भी लगभग ढाई घंटे तक चली जिसमें जिले में अनुसूचित जनजातियों के उत्थान के दिशा में चलाए जा रहे विभिन्न योजनाओं के बारे में पदाधिकारी से बातचीत की.
आयोग के सदस्य ने बैठक के उपरांत प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि जिले में अनुसूचित जनजातियों के उत्थान के दिशा में चलाए जा रहे हैं. विभिन्न योजनाओं की प्रगति अच्छी नहीं है. राज्य सरकार सिर्फ योजनाओं को लेकर खानापूर्ति कर रही है. राशि खर्च हो रही है परंतु कार्य सिर्फ औपचारिकता ही पूरी की जा रही है.
जनजातीय विद्यालय के बच्चों को राज्यपाल का नाम पता नहीं, प्रार्थना तक नहीं बोल पाए
डॉ आशा लकड़ा ने कहा कि यहां आने के क्रम में अनुसूचित जनजाति आवासीय विद्यालय संजय का निरीक्षण किया गया, निरीक्षण के दौरान उन्होंने बच्चों से कुछ सवाल भी पूछे. बच्चों को दोहा याद नहीं है. प्रार्थना भी बच्चे नहीं बोल पा रहे हैं. बच्चों से राज्यपाल का नाम के बारे में पूछा गया तो बच्चे नहीं बता पाए. यहां तक की शिक्षकों से भी पूछा गया तो शिक्षक राज्यपाल का नाम नहीं बता पाए. वर्ग 8 के बच्चों को ड्रेस एवं किताब भी नहीं मिला है. बच्चों को बेड, मच्छरदानी, पेयजल एवं साफ सफाई वाली शौचालय भी नहीं मिल पा रही हैं.
उन्होंने कहा कि दुर्भाग्यपूर्ण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा यहां स्वच्छ भारत मिशन के तहत योजनाएं चलाई जाती हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में नल है परंतु जल नहीं है. हर घर नल योजना केंद्र सरकार की एक महत्वपूर्ण योजना है परंतु यह योजना यहां बेकार साबित हुई है.
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