Adityapur (अदित्यपुर) : केन्द्रीय एमएसएमई मंत्रालय के सचिव एससीएल दास के राँची आगमन पर आदित्यपुर स्माल इंडस्ट्री एसोसिएसन (एसिया) की टीम ने उनसे मुलाकात की. उन्हें औद्योगिक विकास मे आने वाली कठिनाइयों से अवगत कराया. यह मीटिंग फॉर्मलाईजेशन, क्रेडिट इंहेंस्मेंट, टेक्नोलॉजी अपग्रेडेशन तथा मार्केटिंग सपोर्ट विषय पर आयोजित की गई थी.
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टीम मे एसिया के पूर्व महासचिव सह ट्रस्टी दशरथ उपाध्याय शामिल थे. इस दौरान केंद्र से विभिन्न श्रेणी के उद्योगों/एमएसएमई ईकाइयों मे नवीनतम तकनीकी विकास के लिए अग्रणी कलास्टरों में अधिक जागरूकता/कार्यक्रम/ कार्यशाला आहूत करने का आग्रह किया गया. इस दौरान कहा गया कि इकाइयों को तकनीकी मोर्चे पर व्यवहारिक प्रत्यक्ष ज्ञान देने के लिए दुनिया के विभिन्न भागों में जाने के लिए अग्रणी एमएसएमई को वितीय अथवा अन्यथा समर्थन दिया जाना चाहिए. और तकनीकी जानकारी के उन्नयन्न के लिए केंद्रीय एमएसएमई विभाग के द्वारा केंद्रीय रूप से प्रोत्साहित भी किया जाना चाहिए. साथ हीं एमएसएमई कलस्टर मे विभिन्न मेगा सरकारी इकाइयों (पीएसयू) के लिए मेगा वेंडर मीट/सेमिनार आहूत करने का सुझाव भी दिया. ताकि इकाइयों को विभिन्न बाजार अवसरों की जानकारी हो. और वे रेलवे, रक्षा, जहाज निर्माण, इलेक्ट्रॉनिक, वाहन निर्माता आदि से इसकी शुरुआत कर सकें.
इस दौरान बताया गया कि उद्यम प्रमाण पत्र सरकार द्वारा जारी किया गया एक वैध दस्तावेज़ है और यह किसी इकाई को एमएसएमई इकाई का दर्जा देता है। उद्यम प्रमाण पत्र का महत्व और लाभ सीमित हैं और एमएसएमई इकाई के संचालन में व्यावहारिक अर्थों में नहीं देखे जाते हैं. झारखंड में, सरकार अपनी स्वयं की नीति लाई. जिसे “झारखंड एमएसएमई संवर्धन नीति 2023” के रूप में जाना जाता है, जो झारखंड में एमएसएमई के समग्र विकास के लिए एक महत्वपूर्ण नीति है.
झारखंड सरकार द्वारा “उद्यम प्रमाण पत्र” को डीओपी या राज्य सरकार के कानूनों के तहत सब्सिडी देने के लिए मान्यता नहीं दी गई है. झारखंड एमएसएमई संवर्धन नीति 2023 के पैरा 8.1 में कहा गया है कि “उद्योग आधार या उद्यम डीओपी प्रमाण पत्र को प्रतिस्थापित करने के लिए पर्याप्त नहीं होगा”. सरकार को उद्यम को एक शक्तिशाली उपकरण बनाना चाहिए. जिसके द्वारा इकाई एमएसएमई इकाइयों के लिए डीओपी, सब्सिडी और अन्य लाभ प्राप्त कर सकती है. उद्यम प्रमाण पत्र में अंतर्निहित जांच और संतुलन होना चाहिए. जिसके द्वारा एक इकाई सभी लाभ, बैंकों, वित्तीय संस्थानों से सब्सिडी दर पर ऋण, निर्यात में प्रोत्साहन प्राप्त कर सकती है. यह पूरे भारत में लागू होना चाहिए.
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