Saraikela: आदित्यपुर के आरआईटी थाना क्षेत्र अंतर्गत ट्रांसपोर्ट कॉलोनी रोड नंबर 25 निवासी 84 वर्षीय वृद्ध सीताराम सिंह ने अपने तीन पुत्र और पोतो पर प्रताड़ित कर घर से निकाले जाने का आरोप लगाया है.

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84 वर्षीय वृद्ध सीताराम सिंह परिवहन विभाग में बतौर टिकट चेकर के तौर पर कार्य करते थे. सेवानिवृत होने के बाद अपने तीनों बेटों को घर बनाकर दिया, लेकिन अब उम्र के इस पड़ाव में उन्हें बेटों और पोतो के कोप का भजन बनना पड़ रहा है. बेटों से प्रताड़ित होकर 84 वर्षीय वृद्ध ने प्रशासन के समक्ष गुहार लगाई है, उन्होंने बताया कि उनका 3 पुत्र है, बड़ा बेटा अशोक सिंह दिव्यांग हैं जो पैतृक गांव बलिया उत्तर प्रदेश में रहते हैं. जबकि मंझला पुत्र विनोद सिंह और छोटा पुत्र संतोष कुमार सिंह ट्रांसपोर्ट कॉलोनी में ही रहते हैं. दोनों पुत्र अपने पिता को रखना नहीं चाहते हैं. वे छोटे पुत्र के यहां रह रहे थे, जो अब पिता को रखना नहीं चाहते हैं. छोटा पुत्र संतोष पर वृद्ध आरोप लगाते हैं कि वो उनके पत्नी का गहना जेवर और रिटायरमेंट का सारा पैसा रख लिए हैं. आवास बोर्ड का जो घर है वो भी पिता के नाम पर है लेकिन संतोष सिंह घर के कागजात भी अपने पास रख कर घर से बेदखल कर दिया है. इनके पेंशन का कागज और आधार कार्ड तक अपने पास रखे हुए हैं. ऐसे में दर दर की ठोकरें खा रहे. 

तीन माह बाद भी जिला प्रशासन ने नहीं की कार्रवाई

वृद्ध सीताराम सिंह ने पूरे मामले के लिखित शिकायत सरायकेला उपायुक्त, पुलिस अधीक्षक समेत एसडीओ से की है. लेकिन 3 महीने बाद भी प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा इनके समस्या पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है, वृद्ध ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी हस्तक्षेप कर इन्हें घर समेत पेंशन संबंधित कागजात वापस दिलाए, जिससे इनका भरण -पोषण हो सके. इधर छोटे पुत्र संतोष कुमार ने पिता द्वारा लगाए गए आरोपों को गलत बताते हुए कहा है कि पिता ने मंझले भाई को संपत्ति में अधिक हिस्सा दिया है, वे मंझले भाई से संपत्ति की मांग न कर मेरे मुझ पर आरोप लगा रहे हैं

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