आदित्यपुर के दिंदली में एसडीओ के आदेश के बावजूद नहीं हटा अतिक्रमण
Adityapur: आवास बोर्ड की जमीन को अतिक्रमण मुक्त कराते हुए आवंटी को दखल कब्जा दिलाने पहुंची पुलिस प्रशासन की टीम हाई वोल्टेज ड्रामा के बीच बेरंग वापस लौट गयी।
इस पुरे प्रकरण में आवास बोर्ड के जेई की भुमिका पर प्रशासनिक अधिकारियों के साथ साथ आवंटी ने भी सवाल खड़े कर दिये है। क्योंकि हाईकोर्ट का स्टे आर्डर लेकर आवास बोर्ड की जेई कार्रवाई स्थल पर पहुंच गयी, जबकि इसकी जानकारी ना तो अनुमंडल कार्यालय को दी गयी और ना ही दंडाधिकारी और स्थानीय थाना को। जानकारी के अनुसार सक्षम न्यायालय झारखंड राज्य आवास बोर्ड के वाद संख्या 12 दिनांक 2013 में पारित आदेश के आलोक में आवंटी प्रदीप महतो को दखल कब्जा दिलाने के लिए सरायकेला अनुमंडलाधिकारी द्वारा दखल कब्जा के आदेश दिये गये थे। इसके लिए दंडाधिकारी और पुलिस बल की प्रतिनियुक्ति की गयी थी। शुक्रवार सुबह 11 बजे प्रतिनियुक्त वरीय दंडाधिकारी गम्हरिया अंचलाधिकारी अरविंद कुमार बेदिया, आदित्यपुर थाना के पुलिस पदाधिकारी और दंडाधिकारी प्रमोद कुमार मौके पर पहुंचे। इधर दखल कब्जा दिलाने साथ में पहुंची आवास बोर्ड की जुनियर इंजीनियर ने प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी को कोर्ट का स्टे आर्डर दिखाते हुए दखल कब्जा दिलाने से इंकार कर दिया। आवंटी यह बताते रहे कि माननीय हाईकोर्ट का स्टे आर्डर उनकी जमीन पर नहीं बल्कि बगल के मोनू रजक द्वारा अतिक्रमण जमीन पर का है। लेकिन आवास बोर्ड की जेई उनके बातों को नजर अंदाज कर दिया। इधर मामले को लेकर आवास बोर्ड के जेई से बात करने का प्रयास किया तो उन्होने इसपर किसी प्रकार की टिप्पणी करने से इंकार कर दिया।
नहीं है स्टे आर्डर अधिकारियों को किया गया दिग्भ्रमित
इधर आवंटी प्रदीप महतो की माने तो उनकी भुखंड पर किसी प्रकार का स्टे आर्डर नहीं था। जेई जिस स्टे आर्डर का हवाला दे रही थी वह मोनू रजक बनाम झारखंड सरकार का था। जिसका उनके आदेश से कोई लेना देना ही नहीं था। लेकिन आवास बोर्ड के अधिकारियों ने अतिक्रमणकारी से सांठगांठ कर यहां कार्रवाई में बाधा डलवा दिया। प्रदीप महतो ने इस मामले में जेई उत्पला सरदार के खिलाफ एसडीओ और अंचल कार्यालय के साथ झारखंड राज्य आवास बोर्ड के एमडी को शिकायत किया है। जिसमें जेई पर कार्रवाई करने पहुंचे दंडाधिकारी, पुलिस अफसर और एसडीओ कार्यालय को दिग्भ्रमित कर कार्रवाई में बाधा डालने का आरोप लगाया है।
प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी सह सीओ गम्हरिया अरबिंद कुमार बेदिया ने बताया कि आवास बोर्ड के सक्षम न्यायलय के आदेश के आलोक में प्रदीप महतो द्वारा अनुमंडलाधिकारी के यहां दखल कब्जा का अनुरोध किया था। एसडीओ के आदेश पर यहां दखल कब्जा होना था। लेकिन उच्च न्यायलय का स्टे आर्डर की कॉपी आवास बोर्ड के इंजीनियर द्वारा दिखाया गया, जिसके बाद कार्रवाई स्थगित कर दी गयी।