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Adityapur:आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र, जो कभी झारखंड की औद्योगिक पहचान हुआ करता था, आज बदहाल बुनियादी सुविधाओं के कारण अस्तित्व संकट से गुजर रहा है। झारखंड इंटक के अध्यक्ष राकेश्वर पांडे ने चिंता जाहिर करते हुए कहा कि यहां सड़क, बिजली और जल निकासी जैसी जरूरी सुविधाओं का अभाव है, जिससे उद्योगों को गंभीर कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है।

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राकेश्वर पांडे ने बताया कि इन समस्याओं की वजह से अब तक 800 से अधिक छोटी-बड़ी औद्योगिक इकाइयां बंद हो चुकी हैं। इससे न केवल उद्योगपतियों को नुकसान हुआ है, बल्कि हजारों श्रमिकों की आजीविका भी संकट में पड़ गई है।उन्होंने कहा कि जहां एक ओर राज्य सरकार निवेश बढ़ाने की बात करती है, वहीं दूसरी ओर मौजूदा उद्योग ही बुनियादी ढांचे की कमी के चलते दम तोड़ रहे हैं।

सबसे बड़ी चिंता कर्मचारियों की सुरक्षा को लेकर है। पांडे ने कहा कि कारखानों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी हो रही है, जिससे जान-माल का खतरा बढ़ गया है। उन्होंने प्रशासन से मांग की कि क्षेत्र में पुलिस गश्ती और निगरानी व्यवस्था को मजबूत किया जाए, ताकि अपराध और असुरक्षा की स्थिति पर काबू पाया जा सके।

राकेश्वर पांडे ने यह भी आरोप लगाया कि पुलिस-प्रशासन इस क्षेत्र की लगातार अनदेखी कर रहा है, जिससे निवेशक और उद्योगपति निराश हो रहे हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री और उद्योग विभाग से अपील की कि आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की समस्याओं का जल्द समाधान किया जाए और इसे फिर से राज्य के आर्थिक विकास का केंद्र बनाया जाए।

स्थानीय उद्योगपतियों का मानना है कि यदि सरकार समय रहते कदम नहीं उठाती है, तो यह क्षेत्र पूरी तरह से ठप्प हो सकता है, जिससे रोजगार का एक बड़ा स्रोत खत्म हो जाएगा।

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