राज्य के छात्रों को मिलेगा MBBS में एडमिशन का मौका
Adityapur: झारखंड की चिकित्सा शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है। नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को आखिरकार मेडिकल काउंसिल (MC) से मान्यता मिल गई है। कॉलेज को 100 सीटों पर MBBS कोर्स शुरू करने की अनुमति प्रदान की गई है। इस मान्यता पत्र को औपचारिक रूप से कॉलेज प्रशासन को सौंप दिया गया है।

इस उपलब्धि पर अस्पताल के चैयरमैन एम एम सिंह ने कहा कि यह उपलब्धि न सिर्फ संस्थान के लिए बल्कि पूरे प्रदेश के लिए गर्व की बात है, क्योंकि लंबे समय से मेडिकल शिक्षा के क्षेत्र में सीटों की संख्या बढ़ाने की मांग की जा रही थी। अब यहां हर साल 100 नए छात्र MBBS कोर्स में दाखिला ले सकेंगे। इसका सीधा लाभ राज्य के हजारों प्रतिभाशाली छात्रों को मिलेगा, जिन्हें अब बेहतर अवसर और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा उपलब्ध होगी।

चैयरमैन एम एम सिंह ने इस सफलता को ऐतिहासिक करार दिया है। कॉलेज प्रबंधन के अनुसार, एमसी द्वारा दी गई मान्यता यह दर्शाती है कि संस्थान ने आवश्यक सभी मानकों और व्यवस्थाओं को पूरा किया है। अस्पताल में आधुनिक चिकित्सा उपकरण, बेहतर बुनियादी ढांचा और अनुभवी फैकल्टी की उपलब्धता को देखते हुए ही यह स्वीकृति दी गई है।
मान्यता मिलने के बाद अब कॉलेज में प्रवेश प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी शैक्षणिक सत्र से ही 100 छात्र यहां एमबीबीएस की पढ़ाई शुरू करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि मेडिकल सीटों की संख्या बढ़ने से राज्य में डॉक्टरों की कमी को दूर करने में मदद मिलेगी। खासकर ग्रामीण और दूरदराज के इलाकों में जहां स्वास्थ्य सेवाएं अब भी सीमित हैं, वहां आने वाले वर्षों में इसका सकारात्मक असर दिखाई देगा।
छात्रों और अभिभावकों के बीच भी इस खबर को लेकर उत्साह का माहौल है। मेडिकल की पढ़ाई के इच्छुक कई छात्रों को अब दूसरे राज्यों की ओर पलायन नहीं करना पड़ेगा। स्थानीय स्तर पर ही उन्हें राष्ट्रीय स्तर की शिक्षा और प्रशिक्षण उपलब्ध होगा।

माना जा रहा है कि इस पहल से न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार होगा बल्कि राज्य के मेडिकल सेक्टर में नए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे। डॉक्टरों, नर्सों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों को भी इससे लाभ होगा।नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को मिली यह मान्यता राज्य की स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था के लिए एक बड़ा कदम साबित होगी। यह आने वाली पीढ़ी के लिए बेहतर चिकित्सा शिक्षा और जनस्वास्थ्य सेवाओं का मार्ग प्रशस्त करेगा।