Saraikela: आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र अंतर्गत इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर समेत उद्योगों को निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने के उद्देश्य से झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड ,जेबीवीएनएल द्वारा अत्याधुनिक गैस इंसुलेटेड सिस्टम पर आधारित हथियाडीह 33/11 केवी पावर सबस्टेशन का मंत्री चंपई सोरेन ने सोमवार को विधिवत तरीके से उद्घाटन किया.

सब स्टेशन का उद्घाटन करते मंत्री चंपई सोरेन
हथियाडीह पावर सबस्टेशन उद्घाटन के उपलक्ष पर मंत्री चंपई सोरेन के साथ एसिया अध्यक्ष संतोष खेतान, कांग्रेस कार्यकारी जिला अध्यक्ष अंबुज कुमार विद्युत विभाग के कार्यपालक अभियंता अनूप प्रसाद मौजूद रहे. इस मौके पर मंत्री चंपई सोरेन ने विद्युत उपकेंद्र उद्घाटन के पश्चात अपने संबोधन में कहा कि विद्युत उप केंद्र की स्थापना होने से संपूर्ण औद्योगिक क्षेत्र को अब बेहतर तरीके से विद्युत आपूर्ति हो सकेगी. मंत्री ने कहा कि सरकार का प्रयास है कि सभी क्षेत्रों को बिजली मिल सके. उन्होंने बताया कि जिले में कुल 11 सब स्टेशन का निर्माण इसी तर्ज पर किया जाएगा. मंत्री ने कहा कि इसके अलावा जिले में अन्य विकास कार्य स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क के क्षेत्र में भी सरकार लगातार बेहतर प्रयास कर रही है.
पहला विद्युत सबस्टेशन 33/11 केवी जी आई एस सिस्टम पर आधारित हैं 
जेबीवीएनएल(jbvnl)  द्वारा डेडीकेटेड फीडर के माध्यम से इंडस्ट्री को निर्बाध विद्युत आपूर्ति करने के उद्देश्य से इस पावर सब स्टेशन की स्थापना की गई है. 10 करोड़ की लागत से बना यह विद्युत सबस्टेशन गैस इंसुलेटेड सिस्टम पर आधारित है. जिसमें लेटेस्ट “कटिंग एज टेक्नोलॉजी” का प्रयोग किया गया है. यह विद्युत सब स्टेशन का टेक्नोलॉजी अत्याधुनिक है. जिसमें छोटे से स्थान पर इसे आगे भविष्य में स्थापित किया जा सकेगा. फिलहाल हथियाडीह सब- स्टेशन से इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर और इंडस्ट्रियल एरिया को निर्बाध विद्युत आपूर्ति होगी.
रामचंद्रपुर ग्रिड से जुड़ा है पावर सब सब स्टेशन
हथियाडीह पावर सबस्टेशन में गम्हरिया रामचंद्रपुर ग्रिड से 33/11 केवी विद्युत आपूर्ति की जाएगी. सब स्टेशन से  विद्युत आपूर्ति पूरी तरह से अंडर ग्राउंड केबलिंग किया गया है. सब स्टेशन में 2×10 mva के दो ट्रांसफार्मर लगे हैं .झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड द्वारा दावा किया जा रहा है कि इस सब स्टेशन के शुरू होने से औद्योगिक क्षेत्र में निर्बाध विद्युत आपूर्ति होगी और स्थानीय उद्योगों को अब दूसरे विद्युत आपूर्ति एजेंसियों पर निर्भर नहीं रहना होगा. विद्युत विभाग द्वारा बताया गया है कि गैस इंसुलेटेड सिस्टम पर आधारित अन्य पावर सबस्टेशन भी भविष्य में बनाए जाएंगे.
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