Adityapur (आदित्यपुर) : आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में विकास कार्यों और राजस्व ग्रामों के नामकरण की प्रक्रिया में बदलाव को लेकर झामुमों ने एक महत्वपूर्ण मांग उठाई गई है।
Adityapur ward 14 controversy: मांझीटोला जमीन विवाद पर पूर्व पार्षद का पलटवार—“मेरी छवि धूमिल करने की कोशिश- यह हमारी 100 साल पुरानी विरासत”

झामुमों के एक प्रतिनिधिमंडल ने आदित्यपुर महानगर सचिव कृष्ण चंद्र महतो के नेतृत्व में स्थानीय नागरिकों और रैयतों की ओर से नगर आयुक्त को ज्ञापन सौंपकर कहा कि क्षेत्र के मूल निवासियों और जमीन दानदाताओं को उचित सम्मान दिया जाए।
सौंपे गए ज्ञापन में मुख्य रूप से दो बिंदुओं पर नगर निगम का ध्यान आकृष्ट कराया गया है। पहला और सबसे भावुक मुद्दा राजस्व ग्रामों के नाम के साथ ‘बस्ती’ शब्द के प्रयोग का है। राजस्व ग्रामों की अपनी ऐतिहासिक पहचान है, और उनके नाम के आगे ‘बस्ती’ लगाना सम्मानजनक नहीं लगता। इसलिए, सरकारी दस्तावेजों और व्यवहार में राजस्व ग्रामों के मूल नामों का ही प्रयोग किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त, ज्ञापन में भूमि अधिग्रहण और विकास कार्यों में खतियानी रैयतों के योगदान को रेखांकित किया गया है। नगर निगम क्षेत्र में विकास कार्य मुख्य रूप से चार प्रकार की भूमियों पर होते हैं—हाउसिंग बोर्ड, झारखंड सरकार की अनावाद भूमि, वन विभाग और खतियानी रैयत भूमि। रैयतों का तर्क है कि जब निजी (खतियानी) भूमि का उपयोग जनहित में सड़क या भवन निर्माण के लिए किया जाता है, तो यह एक प्रकार का ‘दान’ है।यह मांग की गई है कि नगर निगम के अमीन द्वारा उन सड़कों और भवनों को चिह्नित किया जाए जो रैयती जमीन पर बनी हैं। इन संरचनाओं का नामकरण उन खतियान धारियों,भूमि मालिकों के नाम पर किया जाना चाहिए। इससे न केवल दानदाताओं को अपनी भूमि के जनहित में उपयोग पर गर्व महसूस होगा, बल्कि यह कदम झारखंडी अस्मिता और खतियानी रैयतों के प्रति प्रशासन के सम्मान को भी दर्शाएगा। इस मौके पर झामुमों के प्रतिनिधिमंडल में जगदीश महतो, रविंद्र बास्के, अभि मुखी, शंकर मुखी, डोनाल्ड मंगल, मंगल माझी, शिव लोहार ,राहुल मुखी आदि मौजूद थे।
http://Adityapur SIA team met Jayaram Mahto: टाईगर जयराम महतो का सिया टीम ने किया सम्मान, आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र मुद्दों पर हुई गंभीर चर्चा
Like this:
Like Loading...