Saraikela:वर्ष 2018 में घटित कृष्णा दास हत्याकांड में सरायकेला जिला व्यवहार न्यायालय के प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश श्री चौधरी एहसान मूवीस की अदालत ने 7 साल बाद ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए दो आरोपियों को दोषी करार देते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई है।
अदालत ने आरोपी मनोज मंडल उर्फ बोस्ता एवं मनोज दास को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302/34 (हत्या व आपराधिक षड्यंत्र) के तहत आजीवन कारावास एवं ₹20,000 का जुर्माना,धारा 364/34 (अपहरण कर हत्या करने की मंशा) के तहत 7 वर्ष की सश्रम कारावास एवं ₹10,000 जुर्माना, वहीं धारा 201/34 (सबूत मिटाने का प्रयास) के तहत 5 वर्ष की सश्रम कारावास एवं ₹5,000 जुर्माना की सजा सुनाई है।

सरकारी अधिवक्ता एपीपी कपिल देव सामड ने जानकारी दी कि सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी। साथ ही उन्होंने बताया कि पीड़ित पक्ष को न्याय दिलाने के लिए राज्य सरकार द्वारा विक्टिम कंपेन्सेशन स्कीम के तहत सहायता भी दी जाएगी।
क्या था मामला?
बताया जाता है कि वर्ष 2018 में कृष्णा दास की हत्या के बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी। जांच में सामने आया कि दोनों आरोपियों ने सुनियोजित तरीके से पहले पीड़ित का अपहरण किया, फिर उसकी हत्या कर शव को छिपाने का प्रयास किया था।
पुलिस द्वारा की गई गहन जांच और अभियोजन पक्ष द्वारा पेश किए गए ठोस साक्ष्यों के आधार पर अदालत ने दोनों को दोषी मानते हुए यह सजा सुनाई।

न्याय की उम्मीद अब भी जिंदा
इस फैसले के बाद मृतक की बहन दुर्गा दास ने कहा कि मेरे परिवार को 7 साल बाद राहत मिली है। भले ही न्याय में देर हुई, लेकिन आखिरकार दोषियों को सजा मिली — इससे लोगों का न्याय प्रणाली में भरोसा और मजबूत हुआ है।