Adityapur: सरायकेला जिले के सामाजिक संस्था शनिदेव भक्त मंडली के अध्यक्ष देवव्रत घोष के कार्यप्रणाली के संचालन में गड़बड़ी को लेकर प्रेसवार्ता कर मंडली के क्रियाकलापो को लेकर मंडली के पूर्व अध्यक्ष और संस्थापक सदस्य रंजन प्रदीप ने मंडली पर कई गम्भीर आरोप लगाए और उसका प्रमाण भी मीडिया के सामने रखा।

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प्रेस वार्ता करते पूर्व अध्यक्ष रंजन प्रदीप व सदस्य
संस्थापक सदस्य सह पूर्व अध्यक्ष रंजन प्रदीप ने प्रेस वार्ता में कहा कि ट्रस्ट के खाता बही का आज तक ऑडिट नहीं कराया गया तथा पैन कार्ड भी सही नहीं है।ट्रस्ट के खाता से पैसे का बंदरबाट लगातार किया जा रहा है जिसमें लोन के नाम पर सिर्फ कुछ सदस्यो को मदद दी जा रही है यह मदद करंट खाते में भी दिया जा रहा है। कहा कि पदाधिकारी का चयन या तो मनोनयन के आधार पर होता है या फिर व्हाट्सएप ग्रुप के द्वारा जो की बिल्कुल अवैध है। पूर्व अध्यक्ष ने कहा कि एक से ज्यादा खाता वर्तमान में अभी मंडली द्वारा संचालित किया जा रहा है जिसकी कोई जरूरत नहीं है। मंडली गठन के बाद कभी भी ट्रस्टी की बैठक नहीं की गई है।मंडली द्वारा एकत्रित धनराशि को जिन जरूरतमंद परिवारों में दी जानी है इसका निर्धारण भी संरक्षक द्वारा ही किया जाता है।
अध्यक्ष देवव्रत घोष द्वारा मंडली के नाम पर कारोबार संबंधित दस्तावेज
गैर ज़रुतमंदो भी दी गई सहायता धनराशि,मामला संदिग्ध
रंजन प्रदीप ने कहा कि बहुत से ऐसे परिवारों को मदद के नाम पर धनराशि उपलब्ध करवाई गई है जिनकी उन्हें जरूरत ही नहीं थी जो संदेह उत्पन्न करता है. आरोप लगाया कि किसी भी अधिकारी ट्रस्टी या सदस्य के द्वारा जब खाता का हिसाब किताब मांगा जाता है तो उसके साथ संरक्षक द्वारा दुर्व्यवहार किया जाता है मंडली से बाहर निकाले जाने की धमकी दी जाती है और बैठक में मारपीट तक की घटना को अंजाम दिया जाता है। ट्रस्ट के तथाकथित कार्यालय में समाज सेवा के नाम पर चिट फंड और एलआईसी जैसे कारोबार का संचालन भी संरक्षक द्वारा किया जा रहा है।इस प्रेस वार्ता में मुख्य रूप से पूर्व अध्यक्ष रंजन प्रदीप, पूर्व सह कोषाध्यक्ष और ट्रस्टी गणेश विश्कर्मा, पूर्व उपाध्यक्ष और ट्रस्टी धीरेन्द्र प्रसाद, पूर्व कोषाध्यक्ष अंकित शुभम, राजू प्रसाद, मनोज कुमार, विश्वनाथ महतो आदि उपस्थित थे।
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