आदित्यपुर स्थित श्रीनाथ यूनिवर्सिटी के प्रांगण में बुधवार को प्रथम दीक्षांत समारोह का भव्य आयोजन किया गया। इस ऐतिहासिक अवसर पर झारखंड के राज्यपाल संतोष गंगवार मुख्य अतिथि के रूप में सम्मिलित हुए।
समारोह की गरिमा बढ़ाते हुए राज्यपाल ने विभिन्न संकायों के 44 मेधावी छात्र-छात्राओं को गोल्ड मेडल प्रदान किए, जबकि लगभग 500 विद्यार्थियों को स्नातक और स्नातकोत्तर की उपाधियां दी गईं।
जमशेदपुर केवल नगर नहीं, औद्योगिक चेतना का केंद्र बने: राज्यपाल
समारोह को संबोधित करते हुए राज्यपाल संतोष गंगवार ने शिक्षा और उद्योग के संगम पर बल दिया। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालयों को ऐसा वातावरण तैयार करना चाहिए जिससे जमशेदपुर केवल एक शहर के रूप में न जाना जाए, बल्कि यह देश की औद्योगिक चेतना का प्रतीक बने। उन्होंने टाटा समूह के संस्थापक जमशेद जी टाटा का उदाहरण देते हुए कहा कि उद्योग केवल मुनाफा कमाने के लिए नहीं, बल्कि समाज के आर्थिक और सामाजिक उत्थान की सीढ़ी होते हैं।
सामाजिक उत्तरदायित्व पर जोर
राज्यपाल ने विश्वविद्यालय प्रबंधन से अपील की कि वे अपने सामाजिक दायित्वों (CSR) का निर्वहन करें। उन्होंने सुझाव दिया कि यूनिवर्सिटी आसपास के गांवों को गोद ले और वंचित वर्ग के होनहार छात्रों को निशुल्क शिक्षा उपलब्ध कराए। इसके अलावा, उन्होंने युवाओं से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कौशल विकास और नवाचार अभियानों से जुड़कर आत्मनिर्भर बनने का आह्वान किया।
विशिष्ट अतिथियों रहे मौजूद
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित ईचागढ़ विधायक सविता महतो ने विद्यार्थियों का उत्साहवर्धन किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा का मूल उद्देश्य केवल डिग्री हासिल करना या नौकरी पाना नहीं है, बल्कि एक जिम्मेदार और संवेदनशील इंसान बनना है।
इस गौरवशाली अवसर पर सरायकेला-खरसावां के उपायुक्त नीतीश कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक मुकेश कुमार लुनायत, विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुखदेव महतो, एसडीओ निवेदिता नियति सहित भारी संख्या में शिक्षक, अभिभावक और छात्र उपस्थित थे।




