सरायकेला: झारखंड राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद के तत्वाधान में टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स के 1.2 एमटीपीए इंटीग्रेटेड स्टील प्लांट के आधुनिकीकरण और विस्तार को लेकर सोमवार को आदित्यपुर स्थित ऑटोक्लस्टर सभागार में जनसुनवाई आयोजित की गई.भारी विरोध और समर्थन के बीच जनसुनवाई के प्रक्रिया को पूरा किया गय. जनसुनवाई कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा समेत बड़ी तादाद में कंपनी के आसपस गांव के ग्रामीण, राजनीतिक दल के कार्यकर्ता शामिल हुए जहां 2 घंटे से भी अधिक चले जनसुनवाई में गहमागहमी का माहौल रहा.
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प्रदूषण नियंत्रण पर्षद द्वारा पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत डीसी की अध्यक्षता में गठित की गई जनसुनवाई कमेटी में प्रमुख रूप से कमेटी के अध्यक्ष एडीसी सुबोध कुमार , एसडीओ रामकृष्ण कुमार ,प्रदूषण नियंत्रण परिषद के क्षेत्रीय पदाधिकारी जितेंद्र प्रसाद सिंह, टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स के प्रोजेक्ट एग्जीक्यूटिव आशुतोष कुमार प्रमुख रूप से शामिल रहे. जनसुनवाई में पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के नेतृत्व में बड़ी संख्या में कांग्रेसी पार्टी के कार्यकर्ता भी पहुंचे जहां घंटों चले जन सुनवाई के बाद पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा कांग्रेस कार्यकर्ताओं के साथ वाकआऊट कर गए. इस दौरान पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा ने कहा कि कंपनी के प्रस्तावित है प्लांट विस्तारीकरण से 10 किलोमीटर दूर जनसुनवाई का आयोजन का कोई औचित्य नहीं है .उन्होंने कहा कि जनसनवाई में लोगों को बोलने का भी मौका नहीं दिया गया है. जो कंपनी के मंशा को जाहिर करता है. पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि मामले को लेकर प्रदूषण नियंत्रण पर्षद रांची मुख्यालय में मामले की शिकायत की जाएगी.
प्रदूषण के मुद्दे पर जनप्रतिनिधि- राजनीतिक दलों ने कंपनी को घेरा
वर्तमान में टाटा स्टील लॉन्ग प्रोडक्ट्स कंपनी द्वारा उत्पादन से प्रदूषण फैलाए जाने के मुद्दे को गम्हरिया प्रखंड अंतर्गत विभिन्न पंचायत के मुखिया, जनप्रतिनिधि, राजनीतिक दलों के नेताओं ने जोरो से उठाया .इस मुद्दे पर सभी ने एक सुर में जोरदार विरोध करते हुए प्रदूषण रोकथाम के उपाय की मांग रखी. भाजपा नेता रमेश हांसदा ने जनसुनवाई को अवैध करार देते हुए इसे कोर्ट में चुनौती देने की बात कही. वहीं भाजपा प्रदेश कोषाध्यक्ष गणेश महाली ने कहा कि कंपनी के विस्तारीकरण का विरोध नहीं करते लेकिन कंपनी द्वारा प्रदूषण रोकथाम के उपाय को पहले किया जाना जरूरी है. जनसुनवाई कार्यक्रम में कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष अंबुज कुमार, जिला अध्यक्ष बिशु हेंब्रम, भाजपा एसटी मोर्चा जिला अध्यक्ष संजय सरदार, भाजपा महिला मोर्चा जिला अधक्ष रश्मि साहू ,आजसू नेता प्रो. रविशंकर प्रसाद, झारखंड श्रमिक संघ के अध्यक्ष जसबीर सिंह बाबू ,दुर्गा सोरेन सेना के जिलाध्क्ष सनी सरदार समेत बड़ी संख्या में भाजपा, कांग्रेस ,आजसू और जेएमएम के कार्यकर्ता भी शामिल थे।
971.34 करोड़ स्टील प्लांट की लागत
टीएसएलपीएल के वर्तमान प्रस्ताव में शामिल हैं-
मौजूदा सिंटर संयंत्र (0.95 एमटीपीए), नाइट्रोजन संयंत्र (39 टीपीडी) और उत्पादक गैस इकाइयों (3X3000 एनएम /घंटा) का नियमितीकरण
• पिछले ईसी पत्रों में संयंत्र संबंधी अन्य सूचनाओं का नियमितीकरण |
मिनी ब्लास्ट फर्नेस (एमबीएफ) (0.65 0.8 एमटीपीए), सिंटर प्लांट (0.95 1.0 एमटीपीए), स्टील मेल्टिंग शॉप्स (एसएमएस) (70 टी वीडी), लाइम कैलसीनिंग प्लांट (एलसीपी) (220- 600 टीपीडी) और कैप्टिव पावर प्लांट (सीपीपी) (135 140 मेगावाट), जैसी मौजूदा संयंत्र सुविधाओं का विस्तार और प्रदूषण नियंत्रण उपकरणों के साथ आधुनिकीकरण, नए ऑक्सीजन प्लांट (250) टीपीडी) और मेटल रिकवरी प्लांट (200 टीपीडी) की स्थापना।
इस्पात संयंत्र के लिए कच्चे माल की कुल आवश्यकता 6.64 एमटीपीए से बढ़कर 7.5 एमटीपीए हो जाएगी। इसे मौजूदा स्रोतों से प्राप्त किया जाएगा। संयंत्र की अधिकतम बिजली आवश्यकता वर्तमान 163 मेगावाट से बढ़कर 180 मेगावाट हो जाएगी। इसमें से 140 मेगावाट घरेलू उत्पादन होगा और शेष जेएसईबी से खरीदा जाएगा। संयंत्र के लिए मेकअप पानी की आवश्यकता वर्तमान में 22230 घन मीटर/दिन से बढ़कर 22727 घन मीटर/ दिन हो जाएगी। टीएसएलपीएल के पास पहले से ही सुबर्णरेखा नदी से 22740 घन मीटर/दिन की निकासी के लिए जल संसाधन विभाग, झारखंड सरकार से अनुमति है। प्रस्तावित आधुनिकीकरण और विस्तार गतिविधियाँ पूरी तरह से मौजूदा संयंत्र क्षेत्र के भीतर मौजूदा बुनियादी ढांचे और उपयोगिताओं का उपयोग करके की जाएंगी।
प्रस्तावित परिवर्तनों की अनुमानित कुल लागत लगभग रु. 971.34 करोड़ है। संचालन चरण के दौरान परियोजना से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार सृजित होने की संभावना है।