Chaibasa : ग्रामीण इलाकों से होकर गुजरने वाली चाईबासा बाईपास (रिंगरोड) का विरोध का सिलसिला शुरू हो गया है. रघुनाथपुर के बाद अब सिंहपोखरिया की ग्रामसभा ने भी इस बाईपास सड़क का विरोध किया है.
रविवार को सदर प्रखंड के सिंहपोखरिया में ग्रामीणों ने बाईपास सड़क के विरोध में ग्रामसभा बुलायी और उसके लिये अपनी कृषि भूमि नहीं देने का फैसला लिया. ग्राम मुंडा दीपू सिंह सावैयां की अध्यक्षता में आयोजित इस ग्रामसभा में ग्रामीणों ने कहा कि पुटिदा से रघुनाथपुर गांव तक बननेवाले इस बायपास सड़क निर्माण की जद में हमारी भी कृषि भूमि आ रही है. इसके अलावे गांव के पूजा स्थल, प्राकृतिक जलस्रोत तथा गांव की सार्वजनिक संपत्ति पेड़-पौधे, चरागाह भी इस भू अर्जन से प्रभावित हो रहे हैं. हमें यह नुकसान स्वीकार नहीं है. इसलिये हम सर्वसम्मति से इस बाईपास सड़क के लिये जमीन नहीं देने का निर्णय लिया है. ग्रामीणों ने कहा कि इसके पहले सिंहपोखरिया-बलाडिया सड़क निर्माण में भी हमारी जमीनें गयीं थीं. इससे हमारी कृषि भूमि घट गयी है. वैसे भी गांव में कृषि योग्य भूमि पहले से ही कम है. इसी कृषि भूमि पर गांव के अधिकतर लोगों की जीविका चलती है. धान के अलावे रहड़, ऊड़द, मूंग आदि की खेती करते हैं. यदि बायपास सड़क बनी तो ये सारे प्रभावित होंगे. इसलिये हम गांव से होकर बायपास रिंगरोड निर्माण का विरोध करते हैं. अगली बैठक 19 सितंबर को होगी जिसमें प्रभावित गांव सिंहपोखरिया, रघूनाथपुर, गितिलपी तथा किड़ीगोट के ग्रामीण भाग लेंगे.