Chaibasa :- पश्चिमी सिंहभूम जिले के लगभग चपाकलो और कुओं के जलस्रोतों के लगातार नीचे गिरता जा रहा है. यही कारण है ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को रात रात भर जागकर घंटो इंतजार करने के बाद भी पानी नही मिल रहा है. मंझारी प्रखंड के सालीसाई गांव के ग्रामीणों ने अपनी समस्याओं को लेकर जिला परिषद सदस्य माधव चंद्र कुंकल की अध्यक्षता में बैठक की. इस दौरान पेयजल के समस्या से नाराज होकर ग्रामीणों ने विरोध स्वरूप मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, पेयजल मंत्री मिथलेश ठाकुर और मझगांव विधानसभा के विधायक निरल पूर्ति का शव यात्रा निकालकर खराब पड़े चापाकल के पास पुतला दहन किया.
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माधव चंद्र कुंकल ने कहा की सरकार जिस तरीके से शितिल है उसी प्रकार विभाग के पदाधिकारी भी शितील है. खराब चापकलों के पाईप बदलने की शिकायत की जाए पेयजल के समस्या के निदान के लिए लिखित आवेदन विभाग को देने पर भी कोई कार्यवाही नही होती. इस सरकार में मंत्रियों के लिए 10 करोड़ खर्च कर बंगला बन सकता है. लेकिन खराब चपाकल का पाईप बदलने के लिए पैसा खर्च नहीं हो सकता. कितना दुर्भाग्य की बात है की देश में आजादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है, लेकिन आदिवासी बहुल क्षेत्र के लोग आजादी के 75 सालों के बाद भी एक एक बूंद साफ पानी के लिए संघर्ष कर रहे हैं. आनंद बिरुवा, रुपसिंह बिरुवा, प्रदान बिरुवा घर के पास स्तिथ कुंआ सुख गया है.
सोमा बिरुवा के घर के पास चापाकल खराब है. रामेश्वर बिरुवा घर के पास जलमिनार खराब है. प्राथमिक विद्यालय सालिसाई के पास स्थित चपाकल से 1 घंटा में एक डेकची पानी ही भर पाता और ग्रामीणों को दूर अगल बगल गांव से पानी भरने के लिए जाना पड़ रहा है और विभाग मौन है. पेयजल के समस्या के विरुद्ध आगामी 22 जून 2023 को हजारों की संख्या में ग्रामीण डेकची, बर्तन के साथ प्रखंड कार्यलय का घेराव कर विरोध दर्ज करेंगे.
मौके पर चुइया गोप, रामेश्वर बिरुआ, घनश्याम बिरुवा, सर्द सिंकू, घासीराम बिरुवा, आशामती बिरुवा, पंतुस बिरुवा,संजीर कोKडेंकेल, मुक्ता बिरुवा, सीता बिरुवा, सूत्री बिरुवा, जानकी बिरुवा, सिकुर बिरुवा, नानिका बिरुवा, राधिका बिरुवा, लक्ष्मी बिरुवा आदि उपस्तीथ थे.