Chaibasa (चाईबासा): जेएसएससी सीजीएल परीक्षा में धांधली के खिलाफ़ चल रहे छात्र आंदोलन पर पुलिस और प्रशासन की दमन पर एआईडीएसओ ने गहरी चिंता व्यक्त की है. धांधली के खिलाफ़ सीबीआई स्तर की जांच की मांग की है.

बता दें कि विगत कल दिनांक 16/12/ 2024 को झारखंड राज्य के विभिन्न जिलों से संबंधित छात्र JSSC सीजीएल परीक्षा में धांधलि का आरोप को लेकर रांची JSSC ऑफिस के पास शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे. आंदोलन को दबाने के लिए जिस तरह पुलिस की तैनाती की गई थी उसे देख कर ऐसा प्रतीत हो रहा था जैसे आंदोलन करने वाले छात्र नही बल्कि अपराधी हो. इस आंदोलन में राज्य सरकार के इशारे पर जिस प्रकार से छात्रों पर बर्बरता पूर्वक लाठियां बरसाई गई है वह बिल्कुल निंदनीय है.

उल्लेखनीय विषय है कि जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा को लेकर के परीक्षा के दिन से ही विवाद उत्पन्न हुई है. पेपर लीक और धांधली जैसे आरोप इस परीक्षा में पूर्व से ही लगता आ रहा. इस संदर्भ में छात्रों के समूह के द्वारा साक्ष्य भी प्रस्तुत किए गए. परंतु उसे सिरे से झारखंड कर्मचारी चयन आयोग द्वारा नकार दिया गया. झारखंड राज्य की अभिनव बना है कि यहां की प्रत्येक नियुक्तियां न्यायालय के दरवाजे तक चली ही जाती है. इस मामले में भी छात्रों द्वारा उच्च न्यायालय में इस विषय में केस किया गया. जिसकी सुनवाई शुरू हुई है. उच्च न्यायालय द्वारा फिलहाल इस परीक्षा परिणाम को जारी करने पर रोक लगाई गई है. छात्र आंदोलन के दबाव में मुख्यमंत्री द्वारा सीआईडी जांच की प्रक्रिया को शुरू करवाई गई. परंतु यह महज एक खानापूर्ति जैसा प्रतीत होता है. क्योंकि एक और जहां मुख्यमंत्री ने सीआईडी से जांच की बात कही है कहीं दूसरी ओर इस नियुक्ति प्रक्रिया के लिए दस्तावेज सत्यापन की प्रक्रिया जारी है.

ऐसे में छात्रों द्वारा स्पष्ट रूप से मांग किया जा रहा था कि जब तक जांच और उच्च न्यायालय के द्वारा कोई निर्णय नहीं आता है तब तक इस प्रक्रिया की नियुक्ति पर रोक लगाया जाए. सीआईडी के स्थान पर सीबीआई की जांच की जाए पूर्व में इसी परीक्षा के पेपर लीक के से जुड़े SIT रिपोर्ट की स्थिति को सार्वजनिक किया जाए. धांधली में शामिल तमाम लोगों को नियम संगत सजा दिया जाए. परंतु इस मांग के जगह छात्रों पर लाठियां बरसाई गई.


ऑल इंडिया डेमोक्रेटिक स्टूडेंट ऑर्गनाइजेशन (AIDSO) के राज्य सचिव सोहन महतो व अध्यक्ष समर महतो ने बयान जारी करते हुए कहा है कि झारखंड निर्माण के 24 वर्षों बाद भी आज नौजवान सड़कों पर आंदोलन करने के लिए बाध्य है. चाहे वह शिक्षा हो या रोजगार हो हर मामले पर छात्रों को लड़कर अपने अधिकारों को पाने के लिए बाध्य होना पड़ रहा है. पेपर लीक और धांधली जैसे विषय केवल जेएसएससी सीजीएल से ही नहीं जुड़े हुए हैं. बल्कि झारखंड में होने वाले अब तक की सभी परीक्षाओं में छात्रों द्वारा इस प्रकार के आरोप लगाते आए हैं. यह केवल परीक्षा और नियुक्ति से जुड़ा सवाल नहीं है. बल्कि झारखंड कर्मचारी चयन आयोग और झारखंड लोक सेवा आयोग जैसे संवैधानिक संस्थाओं के विश्वसनीयता पर भी सवाल खड़ा करता है.

AIDSO मांग करती है कि अविलंब जेएसएससी सीजीएल नियुक्ति की प्रक्रिया पर रोक लगाया जाए. जब तक इसकी जांच के स्पष्ट रिपोर्ट ना आ जाए.
आंदोलनकारी छात्रों को अविलंब रिहा किया जाए.
सभी परीक्षाओं के उत्तर कुंजी के साथ, प्रतिक्रिया कुंजी (रिस्पांस की) तथा कट ऑफ मार्क्स जारी किया जाए.

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