Sarsikela: जिले में जन्म एवं मृत्यु का निबंधन 100% सुनिश्चित करें. गर्भवती महिलाओं एवं बीमार चल रहे बुजुर्गों का डेटाबेस तैयार करें ताकि जन्म एवं मृत्यु निबंधन प्रक्रिया को समय से पूरा किया जा सके .उक्त बातें सरायकेल उपायुक्त सह ज़िला रजिस्ट्रार अरवा राजकमल ने आदित्यपुर ऑटो क्लस्टर सभागार में आयोजित ज़िला स्तरीय एक दिवसीय जीवनांक संबंधी प्रशिक्षण सह कार्यशाल में कही.
कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग एवं समाज कल्याण विभाग द्वारा गर्भवती महिलाओं का डेटाबस तैयार होता है उस अनुरूप जन्म निबंधन हो. उपायुक्त ने कहा कि जनवरी तक केवल 30 से 40% ही जन्म निबंधन हो सका है. उपायुक्त ने बताया कि स्कूल एडमिशन के वक्त बर्थ सर्टिफिकेट बनाने  जरूरत पर बैकलॉग बढ़ सकता है. जिसे दूर किए जाने संबंधित प्रयास किए जाएं. कार्यक्रम में मौजूद जन्म एवं मृत्यु निबंधक रजिस्ट्रारो को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि प्रतिमाह निबंधन प्रक्रिया लक्ष्य को पूरा करें .ताकि बैकलॉग खत्म हो सके. प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल लोगो को जन्म, मृत्यु निबंधन हस्तक पुस्तक भी उपलब्ध कराए गए जिसमें जन्म एवं मृत्यु निबंधन प्रक्रिया की पूरी जानकारी उपलब्ध कराई गई है।
पोर्टल करें अपडेट ,सर्टिफिकेट जारी करने में लोगों को ना हो परेशानी
कार्यशाला सह प्रशिक्षण शिविर को संबोधित करते हुए अनुमंडल पदाधिकारी रामकृष्ण कुमार ने कहा कि संबंधित रजिस्ट्रार जन्म एवं मृत्यु निबंधन पोर्टल को अपडेट रखें. सर्टिफिकेट इश्यू करने संबंधित मामलों में प्रक्रिया को सरल बनाएं .ताकि लोगों को परेशानी ना हो .एसडीओ ने कहा कि 21 दिन में जन्म या मृत्यु का निबंधन कराना अनिवार्य है. ऐसा नहीं करने वाले रजिस्ट्रारो के विरुद्ध कार्रवाई भी हो सकती है। कहा कि रजिस्ट्रार केवल अपने जूरिडिक्शन क्षेत्र संबंधित मामलों के ही सर्टिफिकेट इश्यू करें. ताकि भविष्य में परेशानी ना हो. एसडीओ ने कहा कि अधिकांश जन्म अस्पतालों में होने के बावजूद अर्थ सर्टिफिकेट बनाए जाने संबंधित मामलों में जन्म घर में दिखाए जाते हैं यह भी चिंता का विषय है. प्रशिक्षण कार्यशाला में कोल्हान प्रमंडल सांख्यिकी डिप्टी रजिस्ट्रार शुकुल उरांव, जनगणना कार्य सहायक निदेशक आशुतोष कुमार के अलावा सभी प्रखंड के अंचलाधिकारी मौजूद रहे।
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