Chaibasa : झींकपानी एसीसी कंपनी में पुराने लीज से संबंधित चयनित 45 रैयतों को नौकरी मिलने का रास्ता लगभग साफ हो गया। अब कंपनी की ओर से चयनित 45 रैयतों में ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके 29 से अधिक अभ्यर्थियों को 28 फरवरी तक एसीसी कंपनी में अस्थाई नौकरी दी जाएगी। शेष अभ्यर्थी को कंपनी के अंदर ही स्किल ट्रेनिंग दिलाकर अस्थाई नौकरी दी जाएगी।

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 शनिवार को समाहरणालय सभागार में विधायक दीपक बिरुवा की उपस्थिति में हुई त्रिपक्षीय बैठक में यह निर्णय लिया गया। बैठक में विधायक दीपक बिरुवा एवं जिला प्रशासन की ओर से उपायुक्त अन्यय मित्तल, एडीसी संतोष कुमार सिंहा, एसडीओ अनिमेष रंजन एवं एसीसी कंपनी प्रबंधन की ओर से एसीसी प्लांट हेड राज गुरुंग, एचआर हेड साहू जी, उत्तम कुमार, राजेश राठौड़ एवं सभी रैयत शामिल थे।

 

 

इस दौरान बताया गया कि एसीसी कंपनी द्वारा रैयतों से लीज में जमीन ली गई थी। इसके बदले में रैयतों को नौकरी दिए जाने की बात कही गई थी। 

 

 

हालांकि हेमंत सरकार की ओर से इन रैयतों की नौकरी के लिए वर्ष 2021 में औपबंधित नियुक्ति पत्र दी गई थी। लेकिन कंपनी की ओर से अब तक नौकरी नहीं दी गई। इससे नाराज रैयतों ने कई बार धरना प्रदर्शन भी किया। रैयतों ने माननीय विधायक श्री दीपक बिरुवा जी से नौकरी दिलाने की गुहार लगाई थी। विधायक जी ने इसे गंभीरता से लेते हुए अग्रेतर कार्रवाई के लिए पहल की थी। 

 

हालांकि दो माह पूर्व भी इसे लेकर बैठक हुई थी। उस त्रिपक्षीय बैठक में एसीसी कंपनी की ओर से चयनित सभी 45 रैयतों को तीन माह की स्किल ट्रेनिंग देने की बात कही गई थी। लेकिन इसके बाद आगे की कार्रवाई नहीं की गई। इस पर बैठक में उपायुक्त ने नाराजगी जताते हुए कंपनी प्रबंधन को 28 फरवरी तक ट्रेनिंग प्राप्त कर चुके चयनित अभ्यर्थियों को अस्थाई नौकरी देने का निर्देश दिया। बाकी अभ्यार्थियों को कंपनी के अंदर ही प्लांट व माईनिंग से संबंधित ट्रेनिंग देने के बाद नौकरी देने का निर्देश दिया। 

 

 

इसके अलावा अभ्यर्थियों के शिकायत पर उपायुक्त ने कंपनी प्रबंधन को फटकार लगाते हुए मुख्यमंत्री द्वारा दिए गए नियुक्ति पत्र सभी अभ्यर्थियों को देने का निर्देश दिया। चुकी मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने विगत वर्ष 2021 में एसीसी कंपनी में नौकरी हेतु अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र दिए थे। लेकिन कंपनी प्रबंधन ने अभ्यर्थियों को देना छोड़ अपने पास रखा हुआ था। कंपनी प्रबंधन में बैठक में इन सभी बातों पर अपनी सहमति देते हुए आगे की कार्रवाई करने की बात कही। कंपनी प्रबंधन की ओर से कहा गया कि फिलहाल माइनिंग का आदेश सरकार की ओर से प्राप्त नहीं हुआ है। माइनिंग का आदेश मिलते ही सभी रैयतों को स्थायी कर दी जाएगी। फिलहाल सभी अभ्यर्थी अस्थाई नौकरी के तौर पर कंपनी में कार्य करते रहेंगे।

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