Chaibasa :- पश्चिमी सिंहभूम जिला मुख्यालय चाईबासा एवं आस-पास क्षेत्रों में कैंसर का रूप ले चूका प्रतिबंधित लॉटरी व्यवसाय को जड़ से मिटाने की दिशा में शहर की पुलिस फीसड्डी साबित हो रही है. हालांकि समय समय पर अवैध लॉटरी कारोबारियों पर पुलिस अपनी कार्रवाई जरूर करती है. इसी कड़ी मे विगत 7 फरवरी को सदर थाना पुलिस ने प्रतिबंधित लॉटरी बेचने के आरोप ने शहीद चौक के पास से अवैध लाटरी के साथ शहर के एसपीजी मिशन कंपाउंड निवासी अमरनाथ साव को 75 से 80 लॉटरी के साथ धर दबोचा एवं उसे जेल भेज दिया गया. वहीं मुफ्फसिल थाना क्षेत्र के लॉटरी संचालक संदीप तियु के विरूद्ध दबीश देते हुए पुलिस ने अपनी छापेमारी अभियान शुरू कर दी है. वंही इसके पीछे सिकंदर यादव को पूरे कब्जा दिलाने की मंशा है. जिसकी चर्चा से पूरा बाजार गर्म है. इसके साथ ही पुलिस की इस तरह से किसी अवैध लॉटरी माफिया के सपोर्ट में काम करना पुलिस पुलिस की कार्यशैली पर सवाल खड़ा कर रही है वही पुलिस की छवि भी धूमिल हो रही है.

चाईबासा बस स्टैंड में एजेंट के तौर अपने कॅरियर की शुरुआत करने वाले सिकंदर यादव की पहचान एक बड़े लॉटरी माफिया के रूप मे हो गयी है. पुलिस की मेहरबानी के कारण कल का बस एजेंट आज चाईबासा से लेकर पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला, बहरागोड़ा, मुसाबनी आदि ग्रामीण क्षेत्रों में अवैध लॉटरी के कारोबार का माफिया बन चुका है और अपने अवैध कारोबार को अंजाम देने में जुटा है.

ज्ञात हो कि विगत वर्ष 29 जुलाई को चक्रधरपुर के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी कपिल चौधरी के नेतृत्व में प्रतिबंधित लॉटरी कारोबार के विरुद्ध अभियान चलाया गया था. जिसमे दो संचालकों को गिरफ्तार गिया गया था. जबकि चाईबासा सदर थाना क्षेत्र के बरकन्दाज टोली स्थित सिकंदर यादव के आवास से छापेमारी के दौरान भारी मात्रा मे प्रतिबंधित लॉटरी के कई बंडल बरामद हुए थे. हालंकि इस दौरान सिकंदर यादव भागने मे सफल हो गया था, जो आज तक पुलिस की गिरफ्त से बाहर है और खुलेआम चाईबासा शहर में घूम रहा है. जिसके आधार पर चक्रधरपुर थाने मे विगत 29 जुलाई को धारा 420/468/34 के तहत कांड संख्या 88/2022 अंकित किया गया है. उसके बावजूद पुलिस कैसे एक चर्चित कांड के वारंटी को गिरफ्तार नही कर पा रही है यह अपने आप मे एक बड़ा सवाल बन गया है.

सिंकन्दर यादव की अग्रिम जमानत अर्जी उच्च न्यायालय से हो चूका है रद्द, बावजूद इसके पुलिस की पकड़ से अब तक दूर-

चक्रधरपुर थाने मे 88/2022 दर्ज होने के बाद सिकंदर यादव ने अग्रिम जमानत पाने की कवायद मे जुट गया था. प्राप्त जानकारी के अनुसार सिकंदर यादव ने बेल के लिए चाईबासा एडीशनल सेशन जज प्रथम के न्यायलय में अग्रिम जमानत का अर्जी दायर किया था. जिसे न्यायालय ने अस्वीकार कर दिया. इसके उपरांत सिकंदर यादव ने विगत 23 नवंबर को उच्च न्यायालय में गया था. वंहा भी उसे राहत नहीं मिली और मामले की गंभीरता को देखते हुए उच्च न्यायालय ने अग्रिम जमानत की अर्जी को रद्द कर दिया है. बावजूद इसके लगभग विगत 7 माह से सिकंदर यादव पुलिस के लिए वांटेड बना हुआ है और बेरोकटोक विचरण करते करते हुए पुरे कोल्हान में अपने अवैध लॉटरी कारोबार को अंजाम देने मे जुट गया है.
क्रमशः –

Share.
error: Content is protected !!
Exit mobile version