Chaibasa (चाईबासा) : पश्चिम सिंहभूम जिले के गुवा में आयोजित कार्यक्रम के दौरान झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री श्री चम्पाई सोरेन ने गुवा गोलीकांड के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित की. उन्होंने कहा कि गुवा गोलीकांड झारखंडी अस्मिता, अस्तित्व और अधिकारों की लड़ाई का प्रतीक है। शहीदों ने अपने प्राणों की आहुति देकर जिस संघर्ष की नींव रखी थी, वह आज भी राज्य के आदिवासी और मूलवासी समुदाय के लिए प्रेरणा का स्रोत है.
कार्यक्रम में भारी संख्या में स्थानीय लोग, कार्यकर्ता और सामाजिक संगठन जुटे। चम्पाई सोरेन ने अपने संबोधन में कहा कि झारखंड आंदोलन केवल राजनीतिक स्वार्थ का परिणाम नहीं था, बल्कि यह आदिवासियों और मूलवासियों की अस्मिता एवं अस्तित्व की रक्षा की लड़ाई थी। गुवा गोलीकांड उसी आंदोलन का ऐतिहासिक अध्याय है, जिसे भुलाया नहीं जा सकता।
उन्होंने कहा कि झारखंड राज्य गठन के बाद भी आदिवासियों और मूलवासियों के अधिकारों को लेकर संघर्ष जारी है। भूमि अधिग्रहण, विस्थापन, बेरोजगारी और प्राकृतिक संसाधनों पर बाहरी कब्जे जैसी समस्याएं अब भी आदिवासी समाज को प्रभावित कर रही हैं। उन्होंने संकल्प लिया कि वे आंदोलन की गति को और तेज करेंगे और आदिवासियों की आवाज को मजबूती से सरकार और देश के सामने उठाएंगे।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि गुवा गोलीकांड के शहीदों का बलिदान व्यर्थ नहीं जाएगा। उनकी स्मृति से ही झारखंड की अस्मिता और पहचान जीवित है। चम्पाई सोरेन ने युवाओं से अपील की कि वे अपने पूर्वजों के संघर्ष को याद रखें और अपनी संस्कृति, भाषा तथा परंपराओं की रक्षा करें। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि आने वाले दिनों में आंदोलन की रणनीति को नए स्वरूप में ढालकर सरकार पर दबाव बनाया जाएगा, ताकि आदिवासी समाज के साथ न्याय हो सके।
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