Chaibasa (चाईबासा) : रोमन कैथोलिक चर्च में क्रिसमस का पावन पर्व श्रद्धा, उल्लास और भक्तिमय वातावरण के बीच मनाया गया। इस अवसर पर कैथोलिक समुदाय के महिला-पुरुष, युवा एवं बच्चे-बच्चियों ने सुबह आयोजित प्रार्थना सभा में भाग लिया और प्रभु यीशु मसीह के जन्म का सुसमाचार सुना।

हो भाषा में मिस्सा पूजा संपन्न
प्रार्थना सभा के दौरान पल्ली पुरोहित निकोलस केरकेट्टा ने हिंदी भाषा में तथा सहायक पल्ली पुरोहित अगस्टिन कुल्लु ने हो भाषा में मिस्सा पूजा संपन्न कराई। क्रिसमस पर अपने संदेश में उन्होंने प्रभु यीशु के प्रेम, दया और करुणा के भाव को जीवन में अपनाने की अपील की। उन्होंने कहा कि ईसा मसीह के जन्म की खुशी केवल उत्सव तक सीमित न रहकर हमारे आचरण और व्यवहार में भी दिखनी चाहिए। यदि हम अपने मन में प्रेम और करुणा रखें, तो नकारात्मक प्रभाव हम पर हावी नहीं होंगे और हम निरंतर प्रगति के मार्ग पर अग्रसर रहेंगे।

भजनों से भक्तिमय हुआ माहौल
मिस्सा पूजा के दौरान सिस्टर नीलिमा की अगुवाई में कॉन्वेंट की सिस्टरों ने प्रभु यीशु की वंदना में भजन प्रस्तुत किए। “जय-जय यीशु राजा, मनुष्यों को बचाने आया है” तथा हो भाषा में “गोंवा ओव: रेम जोनोम लेना जीसु, हम्बुद गुंगुद मेयाले जीसु” जैसे गीतों से चर्च परिसर पूरी तरह भक्तिमय हो गया।
एक-दूसरे को दी क्रिसमस की शुभकामनाएं
मिस्सा पूजा के पश्चात सभी कैथोलिक परिवारों ने एक-दूसरे से मिलकर क्रिसमस की बधाई दी। प्रभु यीशु के जन्म स्थल का प्रतीक चरनी और सजे हुए क्रिसमस ट्री के सामने लोगों ने स्मृति के लिए तस्वीरें भी खिंचवाईं।
मध्यरात्रि में विशेष प्रार्थना
इससे पूर्व मध्यरात्रि में विशेष प्रार्थना सभा आयोजित की गई। जैसे ही रात के बारह बजे, चर्च की घंटियां गूंज उठीं और प्रभु यीशु के जन्म की खुशी पूरे उत्साह के साथ मनाई गई। लोग एक-दूसरे से हाथ मिलाकर क्रिसमस की शुभकामनाएं देते नजर आए।
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