Saraikela: गम्हरिया स्थित घोड़ा बाबा मंदिर में हर साल अखान जात्रा के दिन भगवान बलराम की पूजा धूमधाम से की जाती है. 
भगवान बलराम को ग्राम देवता के रूप में यहां पूजा जाता है. मान्यता है, कि वर्षो पूर्व क्षेत्र में भीषण महामारी फैली थी. जिसके बाद पूर्वजों ने भगवान बलराम का आह्वान किया था, और यहां उनके वाहन के रूप में घोड़े का स्थापना किया था. जिसके बाद क्षेत्र से महामारी समाप्त हुई थी. तब से लेकर आज तक परंपरा का निर्वहन किया जा रहा है. जिनकी मन्नते पूरी होती है, वे मिट्टी के घोड़े यहां चढ़ाते हैं. इसके अलावा प्रसाद का भोग भी लगाते हैं.मान्यता हैं कि आस्था एवं विश्वास के साथ पूजा करने से मन की मुरादें पूरी होती हैं। यहाँ त्योहारों में अपनी परंपरा एवं संस्कृति की झलक देखने को मिलती है। इस प्रमुख धार्मिक स्थल पर आसपास के गांवों के हजारों भक्त पूजा करने पहुँचे हैं। भक्तों की भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पूजा कमेटी की ओर से दर्जनों वोलेंटियर्स की प्रतिनियुक्ति की गयी हैं। श्रद्धालुओं को नियंत्रित करने के लिए आदित्यपुर पुलिस एवं मंदिर कमेटी के सदस्य मौजूद हैं। इस अवसर पर प्रांगण में विशाल मेला का आयोजन भी किया गया हैं। मेले का काफी संख्या में लोगों ने लुत्फ उठा रहे है। महाभोग का आयोजन भी किया गया। समिति के द्वारा आगंतुक अतिथियों का स्वागत किया गया। बताया कि मकर संक्रांति के एक दिन बाद इस पूज का आयोजन प्रतिवर्ष किया जाता है। पूजा को सफल बनाने मनोरंजन बेज, सत्य नारायण दास, नारायण पॉल, बंकिम चौधरी, बादल पाल, मृत्युंजय दास, आशीष दास, सीताराम बेज, त्रिभंग प्रमाणिक, अनादि बेज, अजय पाल, सत्यरंजन दास, खगेन दास, गोपाल पाल, कन्हाई पाल, के अलावा समिति के तमाम सदस्यों एवं गम्हरिया वासियों का सहयोग सर्वोपरि रहता हैं।
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