Chakradharpur:-(Tarique Sultan) राज भवन राँची के सामने उर्दू भाषा को बचाने एवं उर्दू के साथ हो रही दोहरी नीति अपनाए जाने के विरोध मे धरना प्रदर्शन किया गया. जिसके समर्थन मे झारखण्ड के कई शहरों में इस धरना को सफल बनाने के लिए धरना किया गया. आज चक्रधरपुर के प्रखंड कार्यालय में एक दिवसीय धरना का आयोजन किया गया.
इस दौरान चक्रधरपुर के लगभग 7 संस्थाओं ने अपनी भागीदारी दी. प्रखण्ड कार्यालय के समीप इस धरने में भारी संख्या में लोग शामिल हुए. मुस्लिम सेंट्रल अंजुमन के अध्यक्ष ने बताया स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग द्वारा सही तरीके से जांच किये बिना पक्ष सुने ही 30 उर्दू स्कूलों से उर्दू नाम हटा दिए, 509 उर्दू स्कूल से जुमे की छुट्टी समाप्त कर दिया और 459 स्कूल में पढ़ने वाले अल्पसंख्यक छात्रों को हाथ जोड़कर प्रार्थना करने का निर्देश जारी किया गया. जो नियमत: गलत है.
वहीं दूसरी ओर उर्दू शिक्षकों के बहाली के मामले लम्बित है. सरकार से बस यही कहना है कि इस तरह का सौतेला व्यवहार उर्दू के साथ करना बंद करें और जिस तरह हर भाषा, हर संस्कृति को सम्मान मिलता आ रहा है, उसी तरह उर्दू का भी सम्मान मिले. उर्दू को राज्य का दूसरा भाषा का दर्जा दिया गया है. लेकिन आज उसे खत्म करने की कोशिश की जा रही है जो सरासर अन्याय है. आज हम सब अपनी बातों को सरकार तक शांति पूर्वक पहुंचा रहे है. लेकिन फिर भी सरकार हमारी बातों को नजरअंदाज करती है, तो यह भविष्य में आंदोलन का रूप ले सकता है.