भुवनेश्वर/रांची। उड़ीसा (ओडिशा) के उपमुख्यमंत्री कनक वर्धन सिंह देव ने झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को एक औपचारिक पत्र लिखकर पश्चिमी सिंहभूम के पोड़ाहाट के प्रतिष्ठित स्वतंत्रता सेनानी राजा अर्जुन सिंह के नाम पर एक अध्यासन (Chair) और छात्रवृत्ति (Scholarship) स्थापित करने की मांग की है। यह प्रस्ताव झारखंड के कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा में स्थापना से संबंधित है।
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उपमुख्यमंत्री सिंह देव, जिनके पास कृषि एवं किसान सशक्तिकरण तथा ऊर्जा विभाग का प्रभार है, ने 13 दिसंबर 2025 को लिखे अपने पत्र (D.O. No. 2105) में कहा है कि 1857 के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम में राजा अर्जुन सिंह की भूमिका ऐतिहासिक रूप से अत्यंत महत्वपूर्ण रही है, लेकिन सिंहभूम और कोल्हान क्षेत्र के इस महान नायक को अब तक अपेक्षित सम्मान नहीं मिल पाया है।
पोड़ाहाट के नायक को ऐतिहासिक सम्मान की जरूरत
पत्र में उल्लेख किया गया है कि पोड़ाहाट (वर्तमान पश्चिमी सिंहभूम, झारखंड) के राजा अर्जुन सिंह की वीरता और बलिदान आज भी हो, संथाल एवं अन्य आदिवासी समुदायों की लोककथाओं और परंपराओं में जीवित हैं। स्थानीय आदिवासी समाज उन्हें देवता समान सम्मान देता है।
सिंह देव ने लिखा कि राजा अर्जुन सिंह के आह्वान पर बड़ी संख्या में आदिवासी योद्धाओं ने पोड़ाहाट सेना में शामिल होकर ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ संघर्ष किया था। यह संघर्ष 1857 की क्रांति के महत्वपूर्ण अध्यायों में से एक है, जिसे इतिहास की मुख्यधारा में समुचित स्थान मिलना चाहिए।
ऐतिहासिक दस्तावेजों में दर्ज है योगदान
पत्र में इस बात पर भी बल दिया गया है कि राजा अर्जुन सिंह के योगदान पर कई प्रतिष्ठित इतिहासकारों ने शोध और लेखन किया है।
नागेंद्र प्रसाद वर्मा, डॉ. बी. विरोत्तम जैसे इतिहासकारों के साथ-साथ पूर्व सांसद शैलेंद्र महतो ने भी राजा अर्जुन सिंह के संघर्ष और नेतृत्व पर विस्तार से लिखा है, जो उनके ऐतिहासिक महत्व को प्रमाणित करता है।
कोल्हान विश्वविद्यालय में ‘चेयर’ और छात्रवृत्ति की मांग
उपमुख्यमंत्री ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से आग्रह किया है कि जनभावनाओं को ध्यान में रखते हुए कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा में राजा अर्जुन सिंह चेयर और उनके नाम पर छात्रवृत्ति योजना शुरू की जाए। इससे न केवल युवाओं को इतिहास से जोड़ने का कार्य होगा, बल्कि कोल्हान क्षेत्र के आदिवासी नायक को भी उचित सम्मान मिलेगा।
उन्होंने आशा व्यक्त की कि झारखंड सरकार इस प्रस्ताव पर सकारात्मक निर्णय लेकर 1857 के एक महान ऐतिहासिक नेता को सच्ची श्रद्धांजलि देगी।
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