Jamshedpur:- जमशेदपुर में इन दिनों दुर्गोत्सव का माहौल है. इस उत्सव के माहौल में पुलिस-प्रशासन के लिए सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा व यातायात व्यवस्था बनाए रखना है. शहर से लेकर गाँव तक मेलों का आयोजन हो रहा है. मेले का ज्यादातर आयोजन पूजा समितियों के द्वारा की जा रही है.
इसी बीच चौकाने वाली खबरें भी आ रही हैं जहाँ पुलिस की व्यस्तता का लाभ अवैध धंधेबाज उठा रहें हैं. कुछ क्षेत्र में जुआ, नशाखोरी और मुर्गा लड़ाई का अवैध धंधे थानों के नाक के नीचे शुरू हो गया है इसके साथ ही जमशेदपुर पुलिस पर भी सवाल खड़े होने लगे हैं. जिन थानों में जुआ, नशाखोरी और मुर्गा लड़ाई का खेल चल रहा है वंहा के लोग भी पुलिस की छवि को लेकर तरह तरह की बातें करने लगे हैं.

खास कर जमशेदपुर के ग्रामीण क्षेत्रों में हब्बा-डब्बा और मुर्गा लड़ाई, जुआडि़यों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ. जिसमें युवा अपनी गाढी़ कमाई रोजाना लुटा रहे हैं. इससे ग्रामीण क्षेत्रों में पुलिस पेट्रोलिंग के बाद भी ऐसा होना कई सवालों की ओर इशारा करता है. ज्यादातर मेले में सुरक्षा के नाम पर पुलिस के जवानों की तैनाती और पेट्रोलिंग के बावजूद ऐसा हो रहा है यानि अवैध धंधेबाज पुलिस की व्यस्तता का लाभ ले रहें हैं. आखिर कैसे.. यह अपने आप मे एक सवाल है. जिसे समझा जा सकता है.

thenews24live को प्राप्त फोटो वीडियो में जुआ (हब्बा-डब्बा) चलता नजर आ रहा है. यह तस्वीर परसुडीह-सुंदरनगर थाना के सीमावर्ती क्षेत्र तुपुडांग के भीहड़ का बताया जा रहा है जंहा खुलेआम किसी गोविंदा नेता नामक व्यक्ति द्वारा हब्बा-डब्बा चलाया जा रहा है. सूत्र बता रहे हैं कि रोजाना शाम 4.00 बजे से 7.00 बजे तक यह पाडा़ चलता है. जिसमें खिलाडि़यों के हारने से आयोजक को 30-50 हजार तक की कमाई चंद घंटे में ही हो जाती है.यह धंधा पिछले 4 दिनों से बेरोक-टोक जारी है.

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