Chaibasa :- झारखण्ड राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा के की उपस्थिति में दूसरे दिन भी एनएच 75 ई सरजोमगुटू कॉलेज मोड़ से लेकर सिंहपोखरिया चेकनाका तक जर्जर एनएच 75 ई अस्थायी रूप से मरम्मत की गयी. इसमें कांग्रेसियों तथा स्थानीय लोगों ने भी श्रमदान किया. मरम्मति कार्य की शुरूआत बुधवार को सरजोमगुटू कॉलेज मोड़ से की गई थी. सड़क पर बने गड्ढों में स्टोन डस्ट भरकर उसे समतल किया गया.

गुरुवार सुबह से ही शुरू हुए इस कार्य में जेसीबी, ट्रैक्टर तथा हाईवा को लगाया गया था. जहां पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा एवं सांसद गीता कोड़ा ने खुद सड़क पर खड़े होकर मरम्मति कार्य का निगरानी किया. जर्जर एनएच 75 ई की उपेक्षा से सांसद गीता कोड़ा न केवल काफी नाराज दिखीं जिला प्रशासन को भी आड़े हाथों लिया. सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि यह सड़क काफी जर्जर हो चुकी है. जनता को इससे काफी परेशानी हो रही है. स्कूली बच्चे जान हथेली में लेकर स्कूल जाने को विवश हैं. प्रत्येक दिन इस सड़क पर कोई न कोई गाड़ी खराब होती है. सड़क दुर्घटनाएं भी बढ़ रही है, बावजूद जिला प्रशासन तथा एनएच विभाग उदासीन बने हुए है. जबकि इस सड़क को बनाने के लिये निविदा भी हो चुकी है. कार्य फिर भी शुरू नहीं हो रहा है. जबकि मैने केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी जिसके पास इस सड़क की देखभाल की संवैधानिक जिम्मेवारी है. उनके भी चिट्ठी लिखी थी साथ ही मौखिक मांग भी रखी थी. झारखंड सरकार को भी इस समस्या से अवगत करवाई थी बावजूद पश्चिमी सिंहभूम जिले की जीवनरेखा समझी जानेवाली इस सड़क की मरम्मति को लेकर सभी उदासीन बने हुए है. इसी उपेक्षा से तंग आकर आज हमलोग सड़क पर उतरकर श्रमदान से इसकी मरम्मत कर रहे है.

सांसद गीता कोड़ा ने कहा कि एनएच 75 ई की जर्जर अवस्था ने सड़क किनारे से कईयों से उनके रोजगार छीन लिए है जब यह सड़क अच्छी थी तो उसके किनारे दुकान, होटल, गुमटी आदि हुआ करते थे. लेकिन जब सड़क जर्जर हुई तो उससे धूल उड़ने लगी जिसके कारण सरजोमगुटू कॉलेज मोड़ से लेकर झींकपानी के बीच दो दर्जन से अधिक छोटी-बड़ी दुकानें एवं होटल बंद हो गए है. सिंहपोखरिया में तो लगभग सभी पुरानी दुकानें बंद हो गई है. स्थानीय लोग बेरोजगार हो गये, इतना ही नहीं, उड़ती धूल सड़क किनारे के घरों में घुसने से भी लोग परेशान हैं. इस समस्या का सामना सबसे अधिक सिंहपोखरिया के स्थानीय लोगों करना पड़ रहा है.

श्रमदान करने वालों में कांग्रेस के दिकु सावैयां, ईस्माईल सिंह दास, चंद्रशेखर दास, त्रिशानु राय, जितेन्द्र नाथ ओझा, विश्वनाथ तामसोय, सिकुर गोप, रूप सिंह बारी, जोलेन सावैयां , ब्रम्हानंद पुरती, सुनील सावैयां, बिरसा कुंटिया, हाथी सावैयां, बिपिन बिरुली, ट्रक-ट्रेलर एसोसिएशन, जमशेदपुर के पदाधिकारी , बस एजेंट शिव शंकर राम, गणेश तिवारी सहित स्थानीय लोग आदि शामिल थे.

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