Chaibasa (चाईबासा) : नगर निकाय चुनाव 2018 में भारतीय जनता पार्टी की ओर से चाईबासा नगर परिषद अध्यक्ष पद के प्रत्याशी रहे वरिष्ठ भाजपा नेता अनूप कुमार सुल्तानिया ने झारखंड सरकार के नगर निकाय चुनावों को गैर-दलीय आधार पर कराने के फैसले पर कड़ा एतराज जताया है। उन्होंने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने यह निर्णय अपनी पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा की संभावित हार के डर से लिया है।

दलीय चुनाव हुए तो बुरी हार का अंदेशा
अनूप सुल्तानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री को यह भली-भांति अंदाजा है कि यदि झारखंड के 9 नगर निगमों, 18 नगर परिषदों और 22 नगर पंचायतों में दलीय आधार पर चुनाव कराए गए, तो सत्तारूढ़ दल को करारी हार का सामना करना पड़ सकता है। इसी आशंका के चलते सरकार ने गैर-दलीय चुनाव कराने का आदेश जारी किया है।
निचले स्तर पर नेतृत्व उभरने से रोकने का आरोप
भाजपा नेता ने यह भी कहा कि यह फैसला झारखंड मुक्ति मोर्चा में निचले स्तर पर नेतृत्व के विकास को रोकने वाला है। दलीय चुनावों से छोटे और जमीनी कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने का अवसर मिलता है, जिससे स्थानीय नेतृत्व मजबूत होता है।
रघुवर दास के कार्यकाल का किया उल्लेख
उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के कार्यकाल का हवाला देते हुए कहा कि वर्ष 2018 में नगर निकाय चुनाव दलीय आधार पर कराकर झारखंड में एक नई लोकतांत्रिक परंपरा की शुरुआत की गई थी। देश के अधिकांश राज्यों में वर्ष 1977 से ही नगर निकाय चुनाव दलीय आधार पर कराए जाते रहे हैं, जबकि बिहार, तेलंगाना और अब झारखंड इससे अलग राह पर हैं।
दलीय चुनाव से कार्यकर्ताओं को मिलता है मौका
अनूप सुल्तानिया ने कहा कि नगर निकाय और पंचायत चुनाव दलीय आधार पर होने से राजनीतिक दलों के हजारों कार्यकर्ताओं को चुनाव लड़ने और शहरों की छोटी सरकारों में अपनी प्रशासनिक क्षमता साबित करने का अवसर मिलता है।
मुख्यमंत्री से की मांग
भाजपा नेता ने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से मांग की कि लोकतंत्र और स्थानीय नेतृत्व को मजबूत करने के लिए झारखंड में नगर निकाय चुनाव दलीय आधार पर कराने की घोषणा की जाए।







