Hatgamhariya (हाटगम्हारिया): हाटगम्हरिया प्रखण्ड के कोचड़ा गाँव में हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी दो दिवसीय कुराड़ पूजा (चक्र पूजा) का आयोजन किया गया. 

प्रतिमा स्थापित कर पूजा करते लोग

दिसबंर माह के आमावस्या के ठीक पाँचवें दिन यानि कूराड़ पंचमी के दिन कुम्हार समाज के लोग अपने अराध्य देव रुद्रपाल तथा माता रत्नसारी की प्रतीमा स्थापित कर पूजा अर्चना करते हैं. उस दिन अहले सुबह नहा धोकर भजन कीर्तन के साथ कलश स्थापना करने के बाद अराध्य की प्रतीमा स्थापित करते हैं. उसके बाद महिलाएं निर्जला उपवास में रह कर पूरे विधि विधान के साथ पूजा करती हैं. 


                 

पूजा में उपस्थित महिलाएं

एक तरफ महिलाएं पूजा करती हैं तो दूसरी ओर समाज के लोगो द्वारा कूराड़ पूराण (कुम्हारों का ग्रंथ) को महिला व पूरुष बारी बारी से पाठ करते हैं. रात्री में भजन व पाला (कुराड़ पूजा सम्बन्धित प्रवचन) का आयोजन किया जाता है. पूजा के दूसरे दिन भी पूर्व के विधि को दोहराया जाता है और तीसरे व अंतिम दिन प्रतीम का जलाभिषेक किया जाता है.

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