Manoharpur:- स्वास्थ्य विभाग की टीम ने बुधवार को मलेरिया से सर्वाधिक रूप से प्रभावित क्षेत्र छोटानागरा पंचायत के बायहातु, जोजोगुटू, जामकुंडिया आदि गांव का दौरा किया. टीम ने जांच अभियान चलाकर चार मलेरिया से ग्रसित लोगों को चिन्हित कर उन्हें जांच स्थल पर ही आवश्यक दवाओं का वितरण किया और कई दिशा-निर्देश दिए.

टीम ने पंचायत के तहत आने वाले विभिन्न गांवों का दौरा कर पाया कि लोगों में मलेरिया के प्रति जागरूकता की कमी है. बीमार होने के बाद भी ग्रामीण गांव से कुछ किलोमीटर की दूरी पर स्थित स्वास्थ्य उप केंद्र छोटानागरा नहीं आना चाहते. स्वच्छ पेयजल का अभाव होने के कारण अधिकतर ग्रामीण नदी के लाल पानी पर ही निर्भर है.घरों में जल जमाव की स्थिति होने से मच्छर पनपने की संभावना ज्यादा हो जाती है.

जिला स्तरीय टीम में शामिल मलेरिया कंसलटेंट शशि भूषण महतो ने बताया कि गांव में पानी की काफी समस्या है. गांव में मौजूद चापाकल बरसों से खराब पड़े हुए है. लोग नदी नाले व चुआ के पानी का इस्तेमाल करते हैं और मच्छरदानी का प्रयोग बिलकुल नहीं करते. ये मलेरिया होने का बहुत बड़ा कारण है. उन्होंने बताया कि ग्रामीणों को जागरूक करने के लिए जनप्रतिनिधियों को आगे आना होगा. इस कार्य के लिए भी उनके साथ एक बैठक की जाएगी ताकि वह ग्रामीणों को जागरूक कर सके. जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉक्टर संजय कुजूर ने बताया कि हमारी टीम प्रभावित क्षेत्रों पर लगातार अपनी नजर रख रही है और प्रभावितों को समुचित इलाज हो इसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है.

टीम में जिला वीबीडी पदाधिकारी डॉ संजय कुजुर के निर्देशन में गई टीम में छोटानागरा अस्पताल के प्रभारी डॉ अनिल कुमार, मनोहरपुर से चिकित्सा प्रभारी कन्हैया लाल एवं उनके एमपीडब्ल्यू, निगरानी निरीक्षक सहित जिला मलेरिया विभाग के कंसलटेंट व स्वास्थ्य कर्मी शामिल थे.

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