Jamshedpur :- महामहिम राज्यपाल- सह- झारखण्ड राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति ने जमशेदपुर में जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह को संबोधित किया। इस दौरान उपाधि प्रापकों को उपाधि प्रदान की। 

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इस अवसर पर उन्होंने सावित्रीबाई फुले सेंट्रल लाइब्रेरी एवं सुवर्णरेखा ऑडिटोरियम का उदघाटन किया। जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह के अवसर पर बतौर मुख्य अतिथि राज्यपाल राधाकृषण ने अपने संबोधन में कहा आज एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है। जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय का प्रथम दीक्षांत समारोह मनाया जा रहा है, जो लौह उद्योग और खनिज संपदा के लिए प्रसिद्ध क्षेत्र में स्थित है। यह वास्तव में एक उत्साह का क्षण है क्योंकि हम छात्राओं की वर्षों की कड़ी मेहनत और समर्पण की परिणति देख रहे हैं।

 

 उन्होंने सर्वप्रथम, डिग्री प्राप्त करने वाली सभी बेटियों को हार्दिक बधाई और शुभकामनाएँ दी। साथ हीं कहा आपकी उपलब्धियाँ आपकी दृढ़ता और उत्कृष्टता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक हैं। इस हर्ष की बेला में, उनके परिजनों, शिक्षकों और विश्वविद्यालय परिवार से जुड़े सभी लोगों को भी बधाई और शुभकामनाएं के पात्र है।

 

उन्होंने आगे कहा कि महिला शिक्षा को बढ़ावा देने में जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय का कोल्हान क्षेत्र में एक विशेष स्थान रखता है। एक इंटरमीडिएट कॉलेज के रूप में अपनी शुरुआत से लेकर एक पूर्ण विश्वविद्यालय के रूप में विकसित होने तक, जमशेदपुर महिला विश्वविद्यालय गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने और समग्र विकास को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध रहा है। संस्थापक श्रीमती पेरिन सी. मेहता के मार्गदर्शन में, इसने कई लोगों के जीवन को दिशा प्रदान किया है और हमारे समाज को बेहतर बनाने में योगदान दिया है। 1962 में महान दूरदर्शी एवं परोपकारी भारत रत्न जे.आर.डी. टाटा ने कॉलेज को शहर के मध्य में विशाल मैदान के साथ भवन उपलब्ध कराया। बुनियादी ढांचे के साथ, कॉलेज ने अपने अहम विकास चरण में प्रवेश किया।

 

विश्वविद्यालय में विविध समुदाय के 12,000 से अधिक छात्राओं पर गर्व है जो दृढ़ संकल्प प्रदर्शित कर रही हैं। संस्थान की यात्रा को कई उपलब्धियों के साथ उत्कृष्टता से चिह्नित किया गया है। जिसमें “उत्कृष्टता की क्षमता वाले केंद्र के रूप में मान्यता और एनएएसी से ग्रेड ’ए’ मान्यता प्राप्त करना शामिल है। “अब, कॉलेज विश्वविद्यालय हो गया है, जिससे यह झारखंड का पहला महिला विश्वविद्यालय बन गया है। जैसे-जैसे हम विकास की ओर बढ़ रहे हैं, हमारे विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों को हमारी लड़कियों को सर्वोत्तम संभव शिक्षा प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध रहना चाहिए। हमारा उद्देश्य ऐसा माहौल बनाना होना चाहिए जहां विश्वविद्यालय को हमारे राज्य और देश भर में लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए एक आदर्श केंद्र के रूप जाना जाय। 

 

महिलाओं के सशक्तिकरण विषय पर कहा विश्वविद्यालय में हमारा प्राथमिक ध्यान महिला छात्रों को सशक्त बनाना है। विभिन्न पाठ्यक्रमों के माध्यम से छात्राओं को आज की दुनिया में सफल होने के लिए आवश्यक कौशल और ज्ञान प्राप्त करने में मदद करते हैं। मैं उन्हें व्यक्तिगत रूप से प्रगति करने एवं अपनी सांस्कृतिक जड़ों को समझने के लिए खेल और सांस्कृतिक गतिविधियों में भाग लेने के लिए भी प्रोत्साहित करता हूँ। 

 

अपने-अपने संकायों में सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले उपाधिधारक बेटियों का उत्साह वर्धन करते हुए कहा, आज का दिन आपके जीवन में एक नए अध्याय की शुरुआत का प्रतीक है। सदा याद रखें, जीवन इस क्षण से भी आगे है। जैसे ही आप पेशेवर दुनिया में प्रवेश करें, अपना रास्ता समझदारी से चुनें और अनुशासन बनाए रखें। खुद पर विश्वास रखें और चुनौतियों को विकास के अवसर के रूप में देखें। आपने यहां जो मूल्य सीखे हैं वे भविष्य में आपका मार्गदर्शन करेंगे। अपनी ताकत को कभी कम मत आँके। आपके पास सितारों तक पहुंचने की शक्ति है। अपनी प्रतिभा और दृढ़ संकल्प को अपनी सफलता के पीछे प्रेरक शक्ति बनने दें। ऐसा करके आप अपना और हमारे विश्वविद्यालय का नाम रोशन कर सकते हैं और दूसरों को प्रेरित कर सकते हैं।

उनहोने कहा कि आज हमारे देश भर में महिलाएं बाधाओं को तोड़ रही हैं और विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं। वे दिन गए जब महिलाएं पारंपरिक भूमिकाओं तक ही सीमित थीं। अब, महिलाएं डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक, शिक्षक, प्रशासक और एथलीट के रूप में उत्कृष्टता हासिल कर कर रही हैं। महिलाओं के प्रति रूढ़िवादी विचार रखने वालों के लिए अपने दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करने का समय आ गया है। हमारी बेटियों को शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए देखना मुझे गौरवान्वित करता है। जब मैं विभिन्न विश्वविद्यालयों के दीक्षांत समारोहों में जाता हूँ तो अक्सर देखता हूँ कि पदक पाने वाली लड़कियों की संख्या लड़कों से अधिक होती है। मैं अक्सर देखता हूं कि जब एक बेटी पढ़-लिख जाती है तो वह अपने परिवार और समाज का नाम रोशन करती है। हमारे परम आदरणीय माननीय प्रधानमंत्री और आज के सबसे दूरदर्शी नेता श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा ’बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ’ अभियान चलाकर महिलाओं की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जाता है। हमारे विद्यार्थी अपनी शक्ति को पहचानें और राष्ट्र निर्माण में सार्थक योगदान दें।

 

उपाधि ग्रहण करने वाली सभी बेटियों को बधाई देते हुए कहा आप नई यात्रा पर दृढ़ रहें व अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहें। आपकी कड़ी मेहनत निस्संदेह आपको सफलता की ओर ले जाएगी। 

 

दीक्षांन समारोह के दौरान महामहिम ने अपने हाथों से छात्राओं को गोल्ड मेडल एवं स्ट्रीफिकेट प्रदान किया। विश्वविद्यालय की पुस्तीका का विमोचन किया गया। साथ हीं लाईब्रेरी का उद्वघाटन किया एवं परिसर में पौधारोपन भी किया।

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