स्वर्णिम अध्याय में दर्ज हो गया करनडीह स्थित दिशोम जाहेरथान
Jamshedpur (जमशेदपुर) : जमशेदपुर के करनडीह स्थित दिशोम जाहेरथान आज इतिहास के स्वर्णिम अध्याय में दर्ज हो गया। देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मुख्य मंच पर पहुंच चुकी हैं। जैसे ही राष्ट्रपति मंच पर आईं, पूरा परिसर तालियों की गूंज, पारंपरिक जयघोष और उल्लासपूर्ण वातावरण से भर उठा। राष्ट्रपति के साथ झारखंड के राज्यपाल संतोष कुमार गंगवार और मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन ने संयुक्त रूप से ओल चिकी लिपि के शताब्दी समारोह का विधिवत उद्घाटन किया।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का जमशेदपुर आगमन, सोनारी एयरपोर्ट पर गार्ड ऑफ ऑनर के साथ भव्य स्वागत
मंच पर स्वागत का दृश्य अत्यंत भावुक और गौरवपूर्ण रहा। पटमदा प्रखंड के बांगुरडा स्थित कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय की छात्राओं ने अपने अनुशासित और आकर्षक पाइपर बैंड के माध्यम से महामहिम का अभिनंदन किया। छात्राओं द्वारा बैंड पर प्रस्तुत जन-गण-मन ने पूरे वातावरण को देशभक्ति, अनुशासन और गरिमा से सराबोर कर दिया, जिसे देखकर उपस्थित जनसमूह भावविभोर हो उठा।

दर्शकों से खचाखच भरा जाहेरथान परिसर
करनडीह स्थित दिशोम जाहेरथान प्रांगण में ऑल इंडिया संताली राइटर्स एसोसिएशन एवं दिशोम जाहेरथान कमेटी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित 22वें संताली परसी माहा एवं ओल चिकी लिपि शताब्दी समारोह के समापन कार्यक्रम में भारी जनसैलाब उमड़ा है। सुबह करीब 10:30 बजे तक कार्यक्रम स्थल लगभग पूरी तरह भर चुका था, जबकि अब भी प्रतिनिधि और डेलीगेट लगातार प्रवेश कर रहे हैं।

आयोजकों के अनुसार, इस ऐतिहासिक समारोह में देश-विदेश से आए करीब 800 डेलीगेट भाग ले रहे हैं। संताल समाज की भाषा, संस्कृति और पहचान को समर्पित यह आयोजन केवल एक सांस्कृतिक कार्यक्रम नहीं, बल्कि आदिवासी अस्मिता और साहित्यिक विरासत का उत्सव बन गया है।
राष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाई
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की उपस्थिति ने इस समारोह को राष्ट्रीय स्तर की पहचान दिलाई है। ओल चिकी लिपि के 100 वर्ष पूरे होने के अवसर पर आयोजित यह कार्यक्रम आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा और गर्व का प्रतीक बनकर उभरा है।


