Chaibasa :- शनिवार को गोइलकेरा में अवैध बालू का परिवहन करते एक हाईवा पकड़ा गया है। चक्रधरपुर की अनुमंडल पदाधिकारी रीना हांसदा की इस कार्रवाई से बालू माफियाओं में हड़कंप मच गया है। हाईवा चक्रधरपुर के एक कांग्रेस नेता का बताया जा रहा है, जो अभी हाल ही में जमानत पर जेल से निकला है।
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जानकारी के अनुसार शनिवार तड़के अनुमंडल पदाधिकारी रीना हांसदा ने गोइलकेरा-मनोहरपुर मार्ग में एक नंबर डिपो के पास छापेमारी की। इस दौरान अवैध बालू का परिवहन करते हाईवा वाहन संख्या जेएच-05बीवाई, 5794 को पकड़ा गया। वाहन को गोइलकेरा थाने में रखा गया है। खनन विभाग को सूचना दी गई है। जांच के बाद एफआईआर दर्ज की जाएगी।
बताया जा रहा है कि हाईवा के चालक ने पूछताछ में कई अहम जानकारियां दी है। जिससे पता चला है कि चक्रधरपुर के बालू माफिया कोयल नदी से बालू का अवैध खनन कर रोजाना रात में हाईवा जैसे वाहनों से इसका परिवहन कर रहे हैं। खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से यह गोरखधंधा लंबे समय से जारी है। जिस कांग्रेसी नेता का हाईवा पकड़ा गया है वह वर्षों से इस कारोबार में लिप्त है। एक मामले में कुछ महीने जेल में रहने के दौरान भी कारोबार में उसके एक पार्टनर के द्वारा अवैध बालू खनन व परिवहन का काम जारी रहा था। जिसके वाहन को गोइलकेरा पुलिस की छापेमारी में पकड़ा गया था।
राजनीतिक संरक्षण में चल रहा बालू का खेल
गोइलकेरा में कोयल नदी पर दलकी, पोकाम, कोतरोगड़ा, भरडीहा और रायम जैसे घाटों से अवैध बालू का खनन दिन रात जारी है। बालू माफिया इस काम को राजनीतिक संरक्षण में अंजाम दे रहे हैं। सत्तारूढ़ दलों के नेताओं से नजदीकी बढ़ाकर और राजनीति का चोला ओढ़कर अफसरों पर दबाव बनाया जाता है। एसडीएम की कार्रवाई से खनन विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली सवालों के घेरे में है। खनन अधिकारी कभी भी नदी घाटों में अवैध खनन को रोकने का प्रयास नहीं करते हैं। पुलिस और प्रशासन के अधिकारियों की छापेमारी के बाद ही कार्रवाई होती है।
ओड़िशा का चालान दिखाकर आंखों में धूल झोंक रहे बालू माफिया
गोइलकेरा में कोयल नदी से निकाले गए अवैध बालू का परिवहन करने के लिए बालू माफिया ओड़िशा के चालान का इस्तेमाल करते हैं। ओड़िशा के बिरमित्रापुर सर्किल माइनिंग ऑफिस से ट्रांजिट पास निर्गत करवाने वाले वेंडर बालू माफियाओं को इसे बेच देते हैं। फिर बालू माफिया इसी ट्रांजिट पास का इस्तेमाल कोयल नदी से चक्रधरपुर तक बालू परिवहन करने में करते हैं। ओड़िशा के सुंदरगढ़ जिले से झारखंड में प्रवेश करने वाले वाहनों की चेकिंग नहीं होती है। साथ ही किसी भी नाके में वाहनों की एंट्री की व्यवस्था नहीं है। जिसका फायदा बालू माफिया उठा रहे और अफसरों की आंखों में धूल झोंका जा रहा है।
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