मझगाँव (चाईबासा) क्षेत्र की सामाजिक पहल
Chaibasa (चाईबासा) : नए साल के आगमन पर जहाँ पूरी दुनिया जश्न की तैयारी में रहती है, वहीं पश्चिमी सिंहभूम के आदिवासी समाज ने इस दिन को ‘काला दिवस’ के रूप में मनाने और शहीदों को नमन करने का आह्वान किया है। आदिवासी ‘हो’ समाज युवा महासभा ने ग्रामीणों से अपील की है कि 1 और 2 जनवरी 2026 को पिकनिक मनाकर शहीदों का अपमान न करें।
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नुक्कड़ सभा के जरिए दी गई ऐतिहासिक जानकारी
गुरुवार को सोनापोस पंचायत के बड़ा बेलमा मुखिया टोला में महासभा के प्रदेश अध्यक्ष गोबिन्द बिरूवा के नेतृत्व में एक नुक्कड़ सभा का आयोजन किया गया। इस सभा में समाज के युवाओं और ग्रामीणों को खरसाँवां, जगन्नाथपुर, सेरेंगसिया और कलिंगानगर (ओडिशा) के उन ऐतिहासिक बलिदानों के बारे में बताया गया, जहाँ ब्रिटिश हुकूमत और भूमि अधिग्रहण के खिलाफ लड़ते हुए अनगिनत आदिवासियों ने अपनी जान गंवाई थी।
“पिकनिक नहीं, काला दिवस मनाएं”
महासभा के पदाधिकारियों ने जोर देकर कहा कि 1 और 2 जनवरी का दिन आदिवासियों के लिए जश्न का नहीं, बल्कि शोक और आत्मचिंतन का है।
- शहीदों को श्रद्धांजलि: लोगों से अनुरोध किया गया कि वे पिकनिक मनाने के बजाय राजाबासा, जगन्नाथपुर और खरसाँवां पहुँचकर शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करें।
- बेलमा डैम पर पिकनिक का विरोध: यह जानकारी सामने आई कि बेलमा डैम पर इन दिनों पिकनिक मनाने का चलन बढ़ा है। महासभा ने इसे शहीदों का अपमान बताते हुए इस पर सामाजिक रोक लगाने की अपील की है।
प्रमुख पदाधिकारियों की उपस्थिति
जागरूकता अभियान के दौरान आदिवासी ‘हो’ समाज युवा महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष इपिल सामड, महासचिव गब्बरसिंह हेम्ब्रम, जिला सदस्य सिकंदर तिरिया, प्रखंड कोषाध्यक्ष अमर चातार और रंजीत जेराई समेत दर्जनों सामाजिक कार्यकर्ता और ग्रामीण मौजूद थे। टीम ने घर-घर जाकर लोगों को सामाजिक इतिहास से जोड़ने और शहीदों के सम्मान में खड़े होने के लिए प्रेरित किया।
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