Chaibasa :- झारखण्ड में नक्सलियों के अंतिम गढ़ कोल्हान में निर्णायक लड़ाई जारी है. झारखण्ड में नक्सलियों के खात्में को लेकर सुरक्षा बलों द्वारा चौतरफा संयुक्त अभियान झारखण्ड पुलिस, सीआरपीएफ, कोबरा, झारखण्ड जगुआर के साथ चलाया जा रहा है. इसी क्रम में शुक्रवार को पुलिस जावनों और नक्सलियों के बीच हुए मुठभेड़ में नक्सलियों ने अपने ही जख्मी नक्सली साथी को छोड़कर भाग निकले. जिसे पुलिस जावनों ने जख्मी नक्सली को ईलाज के लिए हेलिकॉप्टर से रांची भेजा गया.

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बता दें कि नक्सली राज्य में अपने आखिरी गढ़ एवं शरण स्थली कोल्हान, चाईबासा क्षेत्र में क्रियाशील हैं. नक्सलियों के शीर्ष नेता मिशिर बेसरा (पोलित व्यूरो मेम्बर), अनल (केन्द्रीय कमिटी सदस्य), असीम मंडल (केन्द्रीय कमिटी सदस्य), अन्य शीर्ष नक्सली नेताओं एवं दस्ता सदस्यों के साथ कोल्हान जंगली क्षेत्र, चाईबासा में अपना ठिकाना बनाकर विध्वंशक कार्रवाई को अंजाम दे रहें हैं. सुरक्षा बलों द्वारा नक्सलियों पर लगातार करारा प्रहार जारी है. इसी क्रम में 13.10.2023 को कोल्हान के हुसीपी जंगली क्षेत्र में पहले से घात लगाये नक्सलियों द्वारा सुरक्षा बलों को लक्षित करते हुए अंधाधुंध गोली-बारी के साथ लैंड माइंस ब्लास्ट किया गया. सुरक्षा बलों द्वारा की गयी. जवाबी कार्रवाई से नक्सली भीषण जंगली क्षेत्र का फायदा उठाकर भाग खड़े हुये. इस मुठभेड़ में कई नक्सलियों के जख्मी होने की सूचना प्राप्त हुई. साथ ही यह भी सूचना प्राप्त हुई कि नक्सली अपने एक दस्ता सदस्य को जख्मी हालत में मरने के लिए छोड़कर भाग गये हैं.

जिसके बाद आज 14.10.2023 को सुरक्षाबलों द्वारा सघन तलाशी – अभियान के दौरान हुसीपी के घनघोर एवं दुर्गम जंगली क्षेत्र में एक नक्सली मरणासन्न की स्थिति में दिखाई दिया. सुरक्षा बलों द्वारा जख्मी नक्सली को जान बचाने की नीयत से ईलाज के लिए हुसीपी लाया गया. अपने जान को जोखिम में डालकर आईईडी से भरे रास्तों पर पैदल चलते हुए उसे अपने कंधों पर उठाकर लगभग 05 किमी चलकर हाथीगुरू कैम्प लाया गया. जहाँ पर उपस्थित सीआरपीएफ के मेडिकल ऑफिसर द्वारा प्राथमिक उपचार किया गया एवं झारखण्ड पुलिस द्वारा विशेष प्रयास कर जान बचाने की नीयत से एवं बेहतर ईलाज के लिए हेलीकॉप्टर से राँची लाया गया.

घायल नक्सली को झारखण्ड पुलिस के द्वारा हेलीकॉप्टर से ईलाज के लिए लाया गया राँची

ज्ञात हो कि कोल्हान जंगली क्षेत्र में नक्सलियों द्वारा बिछाये गये लैंड माइंस बलों के साथ इलाके के ग्रामीणों को भी सतत नुकसान पहुँचा है. नवम्बर 2022 से सुरक्षा से लेकर अब तक 04 सुरक्षा बलों की शहादत के साथ 28 सुरक्षा कर्मी जख्मी हुये हैं. इसके अलावा 16 (आई0ई0डी0 ब्लास्ट से 11 एवं नक्सलियों द्वारा की गयी हत्या-05) ग्रामीण मारे गये हैं एवं 08 ग्रामीण लैंड माइंस ब्लास्ट में गंभीर रूप से जख्मी हुये हैं। इस जोखिम और चुनौतीपूर्ण हालात में भी झारखण्ड पुलिस सीआरपीएफ के साथ मिलकर अपने ध्येय “सेवा ही लक्ष्य” को चरितार्थ करते हुए फिर से एक मानवीय चेहरा पूरे समाज के लिए प्रस्तुत किया है.

झारखण्ड सरकार एवं सुरक्षा बलों का नक्सलियों से अपील

राज्य में चलाये जा रहे नक्सल उन्मुलन अभियान का एकमात्र उद्देश्य उग्रवाद का खात्मा करना है. ताकि सरकार द्वारा राज्य में चलाये जा रहे विकासशील योजनाओं का लाभ सुदूर क्षेत्रों में भी पहुँचे. झारखण्ड में सरकार द्वारा एक बहुत ही प्रभावी एवं लाभकारी आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति लागु की गई है. इस नीति से यह बिल्कुल स्पष्ट है कि सरकार एवं संयुक्त सुरक्षा बल आतंक का अंत बिना किसी जान-माल की हानि या नुकसान के करना चाहते हैं. नक्सलियों के शीर्ष नेताओं से झारखण्ड सरकार एवं झारखण्ड पुलिस यह अपील करती है कि आतंक का रास्ता छोड़कर मुख्य धारा से जुड़े एवं अपने और राज्य के विकास के भागी बने. सुरक्षा बलों द्वारा प्रस्तुत किया गया यह प्रयास आगे भी जारी रहेगा.

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