Chaibasa :- सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज (सी 3) के तत्वावधान में रवींद्र भवन चाईबासा के प्रांगण में स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग की जिला स्तरीय इकाई के सहयोग से “अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस” का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन जिला परिषद अध्यक्ष लक्ष्मी सुरीन के द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया।

लक्ष्मी सुरीन ने अपने स्वागत भाषण में उन्होंने परिवार एवं समाज में महिलाओं /बालिकाओं के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सेंटर फॉर कैटालाइजिंग चेंज (सी 3) ने महत्वपूर्ण विषय पर जनमानस की सोच का ध्यान आकर्षित किया और साथ ही साथ जिले में सी 3 के द्वारा किए जा रहे कार्यों की सरहाना की। उन्होंने कहा कि हम सभी को पता है कि सृष्टि की संरचना बिना महिलाओं बालिकाओं के संभव नहीं है। इसलिए इनके उत्थान और संरक्षण की जिम्मेदारी सर्वोपरि है।

वरिष्ठ अतिथि के स्वागत भाषण के उपरांत बालिकाओं के द्वारा जेंडर समानता, कम उम्र में बाल विवाह एवं मानव तस्करी विषय पर स्मरणीय और मनमोहक रोल प्ले प्रस्तुत किया गया। कार्यक्रम के अगले चरण में मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित सिविल सर्जन डॉ साहिल पॉल के द्वारा बताया गया कि समाज या परिवार हर स्थान पर महिलाओं /बालिकाओं को पक्षपात का शिकार होना पड़ता है. फिर चाहे वह शिक्षा का अधिकार हो, पोषण संबंधित भेदभाव हो, स्वास्थ्य सुविधाओं के संबंध में हो, सुरक्षा व सम्मान की बात हो या कानूनी अधिकार ही क्यों ना हो यहां तक कि बालिकाओं के कम उम्र में शादी उनकी मर्जी के विरुद्ध करके उनके जीवन को हाशिए पर डाल दी जाती है। अतः हमें संगठित होकर इसका पुरजोर विरोध करना होगा। ताकि इन समस्याओं से बालिकाओं को बचाया जा सके।

कार्यक्रम के अगले चरण में सी3 प्रतिनिधि अविनाश कुमार के द्वारा “अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” आयोजन के पीछे मुख्य उद्देश्यों पर चर्चा करते हुए बताया गया कि समाज में महिलाओं/ बालिकाओं के साथ हो असमानता एवं उन्हें प्रदत्त अधिकारों के हनन को रोकने के संबंध में महिलाओं /बालिकाओं के साथ-साथ परिवार एवं समाज के विभिन्न भागीदारों को जागरूक करना है। ताकि महिलाओं/ बालिकाओं को समाज में समान रूप से बराबरी का दर्जा प्रदान किया जा सके। बीते 17 वर्षों से विभिन्न विभागों जैसे स्कूली शिक्षा साक्षरता विभाग, स्वास्थ्य विभाग एवं शिक्षा विभाग के साथ मिलकर किशोरावस्था के बालिकाओं एवं बालकों को जागरुक एवं स्वावलंबी बनाने के दृष्टिकोण से साथ ही साथ जीवन में सकारात्मक बदलाव एवं सर्वांगीण विकास की दिशा में अग्रिम भूमिका निभा रहा है। ताकि वह बेहतर जीवन जी सके एवं सामान्य जीवन की चुनौतियों का सामना करने में सक्षम हो सके।

अगले चरण में आर्चरी में राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता पिंकी जोंको, अंजू नायक, चांदमुनी कुंंकल, मिली मछुवाईन एवं राज्य स्तर ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हीरामनी दिग्गी, जयमनी बारी ने अपने सफल होने के अनुभवो को साझा किया।

अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर उपस्थित अतिथिगण

अगले चरण में जिला परिषद लक्ष्मी सुरीन, सिविल सर्जन डॉक्टर साहिल पॉल अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी अमित मुखर्जी एवं जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी पुनीता तिवारी के कर कमलों द्वारा स्वास्थ्य शिक्षा विभाग एवं सी3 के संयुक्त प्रयास से जिले में संचालित राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम (आर0के0एस0क0) के तहत विगत एक वर्षों बालिकाओं को जागरूक और सशक्त बनाने की दिशा में सराहनीय कार्य कर कार्य करने वाले साथिया (बालिक), सहिया, एएनएम, आंगनबाड़ी सेविका, शिक्षक आरोग्य दूत और एवं आर्चरी में राष्ट्रीय स्वर्ण पदक विजेता पिंकी जोंको, अंजू नायक, चांदमूनी कुंकल, मिली मछुवाईन एवं राज्य स्तरीय ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता हीरामनी दिग्गी, जयमनी बारी को स्मृति चिन्ह एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया गया। अंतिम चरण में सुश्री शीतल सुगंधिनी बागे के द्वारा सभी को धन्यवाद ज्ञापन किया गया।

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