सरायकेला:  जिले के गम्हरिया स्थित ऊपरबेड़ा मैदान में झारखंडी भाषा संघर्ष समिति के तत्वाधान में पहली बार एक खतियानी महिला महाजुटान कार्यक्रम का आयोजन किया. जिसमे चर्चित 1932 की स्थानीय नीति के लिए आंदोलनरत जयराम महतो मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए.
जयराम महतो ,आंदोलनकारी
कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य झारखंड के राजनीति में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना था. मौके पर पहुंचे आंदोलनकारी जयराम महतो ने कहा सरायकेला औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद उद्योग धंधों महिलाओं की भागीदारी बिल्कुल शून्य होती जा रही है. जब तक खेत ,खलिहान और हरियाली थी उस समय झारखंडी लोग खेती करते थे जहां महिलाओं की भागीदारी 50% थी. पुरुष कृषि करते थे तो महिलाएं धान बोने का काम करती थी. कटाई में भी महिला और पुरुषों का बराबर का हिस्सा था जिससे महिलाओं को भी वही सम्मान प्राप्त था जो सम्मान पुरुषों के पास था लेकिन उद्योग धंधों के आ जाने के बाद महिलाओं को मजदूरी करना पड़ रहा है जिससे महिलाएं अपमानित हुई है।
सिंडिकेट साजिश के तहत रद्द की गई स्थानीय नीति में भाषा की बाध्यता
झारखंड में हाई कोर्ट द्वारा नियोजन नीति को रद्द करने के मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए आंदोलनकारी जयराम महतो ने कहा सिंडिकेट द्वारा चलाए जा रहे षड्यंत्र के तहत नियोजन नीति में भाषा संबंधित मामलों को रद्द किया गया है .इन्होंने सरकार के विधायकों पर भी निशाना साधते हुए कहा कि साजिश के तहत खतियानी आंदोलनकारियों को चिन्हित कर उन्हें बेवजह परेशान किया जाता है.
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