Jamshedpur: एनआईटी, जमशेदपुर के रजिस्ट्रार डॉ0 निशिथ कुमार राय के विरुद्ध जाँच शुरु कर दी गई है. बोर्ड के सदस्य एवं आईआईटी, पटना के निदेशक प्रो0 टी एन सिंह की अध्यक्षता में हुई बोर्ड मीटिंग में हुए निर्णय के आलोक में प्रो0 टी एन सिंह तथा मंत्रालय के उप सचिव एन एस बिष्ट के नेतृत्व वाली दो सदस्यीय टीम सोमवार को संस्थान पहुँच गई है.

 

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एनआईटी, जमशेदपुर के रजिस्ट्रार डॉ0 निशिथ कुमार राय

आरोप है कि डॉ0 राय की नियुक्त सतर्कता मंजूरी प्राप्त किए बिना की गई थी. उनके उपर रजिस्ट्रार के रुप में नियुक्ति के दौरान अपनी बर्खास्तगी से संबंधित तथ्यों को छिपाने तथा अवैध तरीके से नियुक्ति पत्र प्राप्त करने का आरोप भी लगया गया था. और नियुक्ति के पहले और बाद में सभी आवश्यक प्रक्रियाओं को नजरअंदाज भी कर दिया गया. नियुक्ति के समय (2020) से हीं डॉ0 राय की नियुक्ति को अवैध बताकर जाँच की माँग कीा रही थी. संस्थान के तत्कालीन सतर्कता अधिकारी प्रो0 एच एल यदाव ने मामले की जाँच कर प्रतिवेदन संस्थान के बोर्ड के समक्ष प्रस्तुत किया था.ललित नारायण विश्वविद्यालय, दरभंगा के रजिस्ट्रार पद से बर्खास्त हुए थे डॉ0 राय.
डॉ0 राय ने जब एनआईटी, जमशेदपुर के रजिस्ट्रार के पद हेतु आवेदन किया था, उस समय वे ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय, दरभंगा (बिहार) में रजिस्ट्रार के रुप में कार्यरत थे, जहाँ से उन्हें 24 सितंबर-2020 को रजिस्ट्रार पद से बर्खास्त कर दिया गया था. इस संबंध में महामहिम राज्यपाल सह कुलाधिपति के आधारिक आदेश ज्ञापन संख्या बीएसयू(रजिस्ट्रार)2712017ःपॉर्टः1)-21721सीएस(1) दिनांक 24.09.2020 के द्वारा जारी किया गया था. उसके बाद 21 अक्टूबर-2020 को उन्होंने यहाँ रजिस्ट्रार का पद संभाला था. डॉ0 राय ने अपनी बर्खास्तगी को माननीय पटना उच्च न्यायालय में केस संख्या सीडब्ल्यूजे-178/2021 के माध्यम से चुनौती दी थी, जिसमें न्यायालय ने श्री राय की अपील को खारिज करते हुए बर्खास्तगी आदेश को सही और वैध ठहराया था. भाजपा ओबीसी मोर्चा के जिला मंत्री संतोष मंडल ने कहा कि यह तो सिर्फ एक नमूना है. विस्तृत जाँच के बाद हीं वास्तविक वितीय अनियमिततायें, गबन और धन के दुरुपयोग का मामला उजागर हो सकता है.

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