Adityapur: रक्तदान को महादान कहा जाता है। गंभीर स्थितियों जैसे दुर्घटना, सर्जरी की स्थिति में रोगी की जान बचाने के लिए रक्तदान की आवश्यकता होती है। एक रिपोर्ट से पता चलता है कि दुर्भाग्यवश भारत में हर दिन लगभग 12,000 मरीज समय पर रक्त न मिल पाने के कारण मर जाते हैं, लेकिन आज हमारे बीच कुछ ऐसे भी लोग हैं जो रक्त की कमी को दूर करने के उद्देश्य से अपने जीवन को रक्तदान के प्रति समर्पित कर दिया है।

कार्यक्रम में रक्तदाताओं का हौसला बढ़ाते अरुण पाठक

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रक्तदान के प्रति जीवन समर्पित करने वाले एक ऐसे ही शख्स हैं जमशेदपुर के 55 वर्षीय अरुण पाठक, अब तक अरुण पाठक ने 139 बार रक्त देकर पूरे जमशेदपुर शहर में एक अलग कीर्तिमान स्थापित किया है। आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र में वर्षों से एक सफल उद्यमी के रूप में पहचान बन चुके अरुण पाठक न सिर्फ स्वयं रक्तदान करते हैं बल्कि लोगों को भी रक्तदान के प्रति जागरुक करते हैं ,कई सामाजिक मंचों पर रक्तदान को लेकर सम्मानित हो चुके श्री पाठक का पूरा परिवार भी इनके रक्तदान मुहिम को आगे बढ़ाने में इनके कंधे से कंधा मिलाकर चलता है। बड़ी बेटी रागनी पाठक जो पैसे से डॉक्टर है वह भी समय-समय पर रक्तदान करती है, छोटा बेटा अनुराग पाठक जो मैनेजमेंट की पढ़ाई पूरी कर फैक्ट्री में पिता का सहयोग करता है, वह भी प्रत्येक 3 महीने पर नियमित रूप से ब्लड बैंक में जाकर ब्लड डोनेशन करता है। कॉलेज के दिनों में महज शौकिया तौर पर एक बार श्री पाठक ने रक्तदान किया था, तब इन्हें क्या पता था कि इनका पूरा जीवन ही रक्तदान के प्रति समर्पित हो जाएगा। जमशेदपुर शहर में रक्तदाता शतकवीर के रूप में अलग पहचान बन चुके अरुण पाठक लोगों को रक्तदान के प्रति जागरूक करने के साथ उन्हें जानकारियां भी देते हैं।
शतकवीर रक्तदाता अरुण पाठक का परिवार
नियमित रक्तदान कर रह सकते हैं फिट
अरुण पाठक बताते हैं कि आज भी ब्लड डोनेशन को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है,रक्तदान को लेकर लोगों के मन में अक्सर ये सवाल रहता है कि ब्लड डोनेट करने से कमजोरी आ जाती है? श्री पाठक बताते हैं कि रक्तदान से कभी कमजोरी नहीं आती, नियमित रक्तदान कार्यक्षमता को बढ़ता है,रक्तदान करने से कमजोरी नहीं आती है।रक्तदान कोई भी कर सकता है, महिला हो या पुरुष बशर्ते शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर और रक्त की मात्रा ठीक है तो आप रक्तदान कर सकते हैं।
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