Ranchi (रांची):  2019 में तब राज्य की जनता के आशीर्वाद से हमें नेतृत्व करने का अवसर मिला. उसमें भी विपक्ष ने कई बार राजनीति का स्तर नीचे गिराते हुए झारखंड को पीछे ले जाने की कोशिश की, लेकिन सफल न हो सके. झारखंड न कभी डरा और न कभी झुका. सीएम सोमवार को झामुमो के महाधिवेशन में बोल रहे थे.

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उन्होंने कहा कि झारखंड ही नहीं, पूरे देश-दुनिया के लोग आदरणीय दिशोम गुरुजी को आदर-सम्मान की नजरों से देखते हैं. दिशोम गुरुजी के नेतृत्व तथा असंख्य क्रांतिकारियों के संघर्ष और बलिदान के बाद हमें झारखंड अलग राज्य मिला.

झामुमो का महाधिवेशन

हमारे अगुआ नेताओं के संघर्ष को सम्मान देने का करना है काम सीएम ने कहा कि दिशोम गुरुजी ने झारखंड मुक्ति मोर्चा का जो विशाल पेड़ लगाया है और जिस पेड़ की जड़ें झारखंड के घर-घर में फैली हुई हैं, उसे सींचने का काम हमें करना है. हमारे अगुआ नेताओं के संघर्ष को सम्मान देने का काम हमें करना है.

झारखंड मुक्ति मोर्चा ने हमेशा गरीब, शोषित और वंचित वर्ग के लोगों का प्रतिनिधित्व किया है. गुरुजी के नेतृत्व में अलग राज्य की लड़ाई लड़ी गयी, हमें अलग राज्य भी मिला. राज्य के लोगों ने सोचा कि अब हमारा सर्वांगीण विकास होगा.

लेकिन राज्य का विकास चुनी ही सरकार द्वारा ही संभव हो सकता है. यह दुर्भाग्य था कि राज्य बनने के बाद राज्य की बागडोर जिनके हाथों में थी. उन्हें यहां के आदिवासियों-मूलवासियों, झारखंडवासियों से कोई मतलब नहीं था.

झामुमो का महाधिवेशन

विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बोलने वाले दल को हराने का किया काम

आज राज्य की जनता के आशीर्वाद और झामुमो के जुझारु सिपाहियों की मेहनत की बदौलत हमने अपने आप को विश्व की सबसे बड़ी पार्टी बोलने वाले दल को हराने का काम किया है. राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनने का आशीर्वाद हमें मिला है. यहां यह आप सभी साथी भी महसूस कर रहे होंगे कि आज हमारे महाधिवेशन में पूर्व से बेहतर भव्यता है, इसी प्रकार हमें राज्य के लोगों के लिए भी दिन-रात काम कर उनके जीवन स्तर में सुधार लाना है.

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