Chaibasa (चाईबासा) : सारंडा वाइल्ड लाइफ़ सेंचुरी के मुद्दे पर झामुमो द्वारा लगातार भाजपा को कटघरे में खड़ा किए जाने पर पूर्व सांसद गीता कोड़ा ने तीखा पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि क्षेत्रीय दल केवल राजनीतिक लाभ के लिए भ्रम फैलाने में जुटे हैं, जबकि आदिवासी–मूलवासी समाज की वास्तविक चिंताओं को दरकिनार कर दिया गया है।
सारंडा को सेंचुरी घोषित करने के विरोध में चाईबासा में आदिवासियों की विशाल जन आक्रोश रैली
गीता कोड़ा के अनुसार, सारंडा को वाइल्ड लाइफ़ सेंचुरी घोषित करने से जुड़े प्रस्ताव पर आज जो दल विरोध का दिखावा कर रहे हैं, वे ही उस समय कैबिनेट में मौन थे जब प्रस्ताव पारित किया गया।
उन्होंने सवाल उठाया कि— “जब प्रस्ताव कैबिनेट में आया, तब एक भी झामुमो या कांग्रेस विधायक, सांसद या मंत्री ने विरोध क्यों नहीं किया? हजारों आदिवासी इसका विरोध कर रहे थे, फिर सरकार की छह-सदस्यीय टीम उनकी आवाज़ कैबिनेट तक क्यों नहीं पहुँचा सकी?”
उन्होंने आरोप लगाया कि अगर सरकार वास्तव में सारंडा के लोगों के साथ खड़ी होती, तो उसे यह स्पष्ट बताना चाहिए कि किस दबाव या मजबूरी में यह निर्णय पारित कराया गया।
“जनता सब समझ चुकी है”— भाजपा का पलटवार
भाजपा नेताओं ने कहा कि चुनावी समय में आदिवासी–मूलवासी समाज की बातें करने वाली झामुमो–कांग्रेस सरकार सत्ता में आते ही उसी समाज के अधिकारों को नजरअंदाज कर देती है।

