Chaibasa :- गुरुवार को कार्तिक उरांव के पुण्यतिथि पर कांग्रेस भवन ,चाईबासा में कांग्रेसियों ने कार्तिक उरांव के चित्र पर माल्यार्पण कर तथा दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धासुमन अर्पित किया. जिसके उपरांत उनके जीवन कृत्य पर परिचर्चा भी की गई. परिचर्चा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा महान व्यक्ति अपने कार्य, विचार एवं सेवा से लोगों के मध्य अपनी अमिट छाप सदा के लिए छोड़ जाते हैं. वे महान आत्मा समाज के उत्थान व विकास के लिए ही अपना सब-कुछ न्यौछावर कर देते है. कार्तिक उरांव भी इसी तरह के महापुरूष थे, जिनका सम्पूर्ण जीवन एक कर्मयोगी का था. एक गरीब किसान परिवार में जन्म लेकर शिक्षा व शोहरत की ऊंचाईयों को छूने वाले कार्तिक उरांव सदैव समाज व राष्ट्र की प्रगति की सोचते थे.
कार्तिक उरांव ने जनजातीय समाज में शिक्षा की अलख जगाई. क्या ये हमारे लिए गर्व की बात नहीं है कि सन् 1959 ई. में उस समय के सबसे बड़े पावर स्टेशन का प्रारूप ब्रिटिश सरकार को झारखण्ड के इसी सपूत ने दिया. जिसे दुनिया ‘‘हिंकले प्वाइंट’’ के नाम से जानती है. विदेश से लौटने के बाद उच्च दक्षता व कुशल कार्य प्रणाली से एचईसी को नया आयाम दिया. वे कठिन परिश्रम एवं उच्च विचार में विश्वास रखते थे. वे काम से कभी थकने वाले न थे, उनमें सदैव आगे बढ़ने की लालसा रहती थी, जो उन्हें ऊर्जा प्रदान करती थी. उनकी कर्मठता, कर्त्वव्यनिष्ठता, लगनशीलता एवं ईमानदारी का गुणगान केवल झारखण्ड ही के नहीं, बल्कि पूरे देश के लोग करते हैं और करते रहेंगे. कार्तिक उरांव के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी, जब उनकी ढृढ़ संकल्प, इच्छाशक्ति, सच्ची लगन, मानव-प्रेम, देशभक्ति, शिक्षा-प्रेम, सेवा-समर्पण आदि की भावना का अनुकरण करेंगे, उनके आदर्शों को अपने जीवन में अपनाना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी.
इस अवसर पर कांग्रेस के कैरा बिरुआ, राजेन्द्र कच्छप, दिकु सावैयां, त्रिशानु राय, जितेन्द्रनाथ ओझा, विक्रम बिरुली, रंजीत यादव, विजय सिंह तुबिद, विक्रमादित्य सुंडी, डॉ. क्रांति प्रकाश, संतोष सिन्हा, नन्द गोपाल दास, कार्तिक बोस, सुशील कुमार दास सहित अन्य उपस्थित थे.