Chaibasa:- एसीसी कंपनी से लीज प्रभावित जमीन मालिकों रोजगार नही तो जमीन वापस करो का नारा के साथ पद यात्रा किया। यह पद यात्रा जोड़ापोखर, कुदाहातु, बासाहातु,रोड़ेबासा होते हुए किया गया.
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जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि एसीसी कंपनी में 75 साल बीत जाने के बाद आजतक रोजगार पाने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. 2013 मे विधानसभा जाँच रिपोर्ट में जमीन मालिकों को नौकरी देना था. परन्तु आजतक सबको नौकरी नही मिला। अब एसीसी कंपनी से बदल कर अडानी हो गया है.
जमीन मालिकों का कहना है कि हम एसीसी को जानते हैं हमारा लीज एसीसी के लिए हुआ था. अगर अडानी को लीज लेना हैं तो सरकार को फिर से जमीन मालिकों के साथ नया समझौता कराना चाहिए. अगर ऐसा नही होता हैं तो इसका विरोध किया जायेगा. जॉन मिरन मुंडा ने कहा कि आज हमारा जिला खनिज संपदा होते हुए भी गरीब है. यंहा कारण है कि खनिज का दोहन कैसे होगा. ताकि विकास होगा आज तक काम नही हुआ. बल्कि लूट का अड्डा बना हुआ है. आज आदिवासी समुदाय के दिमाग में खदान और कारखाना बैठाना मे विरोध करते हैं. क्योंकि विकास के नाम पर सिर्फ उनका जमीन लुटा गया, उसका हक नही मिला.
इसलिए एसीसी झींकपानी में इसका मॉडल रूप देने के लिए आंदोलन किया जा रहा है. अगर सरकार और कंपनी दोनों जमीन मालिकों को रोजगार और विकास से जोड़ने के काम करेगा तो भविष्य में कभी खदान और कारखाना का विरोध नही होगा.
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