Chaibasa:- मझगांव निवासी वासिदा खातून को 5 साल के बच्चे की गला दबाकर हत्या करने के मामले में प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश विश्वनाथ शुक्ला की अदालत ने दोषी करार दिया है. इस मामले में कोर्ट ने दोषी वासिदा खातून को 10 हजार रुपये के जुर्माना भी लगाते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है. 15 गवाहों को सुनने के बाद अदालत ने वासिदा खातून को दोषी करार देते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनायी है.

बता दें कि मृतक बच्चे के पिता मुजफ्फर हयात के बयान पर 30 सितम्बर 2021 को मझगांव थाना में मामला दर्ज किया गया था. इसमें मुजफ्फर हयात ने कहा था कि 29 सितम्बर 2021 शाम जब वह घर आया तो पत्नी मजहबी ने बताया कि 5 वर्षीय बेटा रेहान अभी तक घर नहीं आया है. मुजफ्फर बेटे को खोजने निकल गया. रातभर पूरे गांव खोजने के बाद बेटा नहीं मिला, तो घर वापस आ गया. दुसरे दिन मुजफ्फर हयात फिर बेटे को खोजने घर से निकला. उसी दौरान उसे पता चला कि गांव के तालाब में एक बक्सा पानी में देखा गया है. इसकी सूचना पुलिस को दी गयी. पुलिस ने तालाब से बक्से को निकाला, तो बक्से में रेहान का शव मिला. पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था.

बताया जाता है कि आरोपी महिला वासिदा खातून हमेशा बच्चे के पिता मुजफ्फर हयात के पास कपड़ा सिलवाने के बहाने जाती थी. महिला की यह हरकत बच्चे की मां मजहबी को पसंद नहीं आ रही थी. इसी को लेकर बच्चे के मां मजहबी और वासिदा खातून के बीच हमेशा विवाद होता रहा था. इसी प्रतिशोध में वासिदा ने मजहबी के 5 वर्षीय बेटा रेहान की गला दबाकर हत्या कर दी और साक्ष्य छिपाने के लिए बच्चे के शव को बक्से में बंद कर तालाब में डाल दिया.

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