Chaibasa : झींकपानी प्रखंड अंतर्गत पुरती बहुल गांव टुटूगुटू, दुनुमगुटू, कुंदूबेड़ा, मडबेड़ा तथा हेसाहातु में 1 फरवरी से आदिवासी हो समुदाय का सबसे बड़ा त्योहार “माघे पर्व” धूमधाम से विधिवत मनाया जाएगा. इसके लिये इन गांवों में सारी तैयारियां पूरी कर लीं गयी हैं.

 

इन गांवों में एक फरवरी को मरंग पोरोब, दो फरवरी को बासी पोरोब एवं तीन फरवरी को हारमागेया पोरोब धूमधाम से मनाया जाएगा. पहले दिन गांव के परंपरागत व्रत धारण करके दिऊरी (धार्मिक पुरोहित) पवित्र पूजा स्थल देशाऊली में इष्ट देव के समक्ष मुर्गों की बलि देकर पूजा-अर्चना करेंगे और गांव की सुख-समृद्धि की कामना करेंगे. तत्पश्चात गांव के सामूहिक नृत्य स्थल पर मांदर की थाप पर ग्रामीणों का सामूहिक हो माघे नृत्य होगा. जबकि दूसरे दिन स्वजातीय रिश्तेदारों के अलावे अन्य सगे-संबंधियों एवं दोस्तों व परिचितों को आमंत्रित कर उनके संग खानपान की परंपरा निभायी जाएगी.

पुन: शाम ढलते ही गांव के नृत्य स्थल पर सामूहिक नृत्य होगा जो रातभर चलेगा, इसमें पूरा गांव भाग लेगा. ग्रामीण देवानंद पुरती, डोबरो पुरती, घनश्याम पुरती, प्रकाश पुरती आदि ने बताया कि इन गांवों में दशकों से ग्रामीण सामूहिक रूप से माघे पर्व मनाते आ रहे हैं. यह हमारे भाईचारे का प्रतीक है. आगे भी हम इसे बरकरार रखेंगे.

 

 

मंगलाहाट में खरीददारी को उमड़े ग्रामीण

माघे पर्व के मद्देनजर मंगलवार को जिले के सबसे बड़े मंगलाहाट में ग्रामीणों की भीड़ खूब उमड़ी. खस्सी, मुर्गा, बत्तख, पत्ता, दोना, साग-सब्जी समेत खाद्य सामग्री आदि की मांग जोरों पर रही. कपड़ों की दुकानें भी ग्राहकों से पट गयी थीं. वहीं पारंपरिक वाद्ययंत्र मांदर तथा नगाड़े की बिक्री भी अब बढ़ गयी है. माघे पर्व को देखते हुए कुरकुट की मांग में भी तेजी आ गयी है. हड़िया बनाने में इस्तेमाल होनेवाला रानू की बिक्री ने भी रफ्तार पकड़ ली है. हांडी, मटिया, चाला, बाल्टी, खजूर चटाई आदि भी खूब बिक रहे हैं, जिसकी भूमिका माघे पर्व में आगंतुकों तथा मेहमानों की खातिदारी में अहम होती है.

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