Chaibasa : उरांव समाज बान टोला चाईबासा के चाला मंडप में सामूहिक विवाह संपन्न हुआ गौरतलब है कि इस सामूहिक विवाह में कुल चार जोड़ों का सामाजिक रीति रिवाज के साथ विवाह संपन्न कराया गया. इस विवाह समारोह में आदिवासी उरांव समाज के क्षेत्रीय कमेटी के अध्यक्ष, सचिव, सलाहकार समितियों के बीच अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, सदर चाईबासा ने उपस्थित होकर जोड़ों को अपना-अपना आशीर्वाद दिया और आगे की उज्जवल भविष्य की कामना की.

Unique Ritual : आदिवासी उरांव समाज का अनोखा रस्म, गंदी शक्तियों से बचने व खुशहाल जीवन को व्यतीत करने हेतु घर-घर में लगाया गया छापा

सामूहिक विवाह

उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए मुखिया लालू कुजूर ने कहा कि आज का दिन एक ऐतिहासिक दिन साबित होगा, क्योंकि हमारे समाज से कुछ ऐसे जोड़ों का विवाह संपन्न हो रहा है. जो आर्थिक रूप से असमर्थ थे. उन लोगों का समाज के बीच हमारे पुण्य स्थल चाला मंडप में विवाह संपन्न हो रहा है. हम सभी उनके दांपत्य सुखमय जीवन की कामना करते हुए समाज से जुड़े सभी भाई बंधुओ से निवेदन करूंगा कि इस तरह के कार्य में अपनी-आपनी भूमिका को निभाएं और समाज को एक सूत्र में जोड़े रखने में अपनी हर संभव सहयोग दें.

मौके पर अध्यक्ष संचू तिर्की ने कहा कि यह हमारे समाज की ओर से एक पहल किया जा रहा है. इस पहल के माध्यम से ऐसे जोड़ी जो रिलेशनशिप में पहले से थे. वर्तमान उनका विवाह कराया जा रहा है. क्योंकि वे लोग विवाह करने हेतु आर्थिक रूप से सक्षम नहीं थे. उन्हें आज सामाजिक रीति-रिवाज के साथ हमारे पूज्य स्थल चाला मंडप में पूरी रीती-रिवाज के साथ विवाह संपन्न कराया जा रहा है. मैं विशेष रूप से बान टोला के मुखिया “ब्लडमेन” लालू कुजूर को विशेष रूप से धन्यवाद देना चाहता हूं कि इस तरह का पहल हमारे समाज के लिए अनोखा है और यह पहल हमारे चाईबासा के सातों अखाड़ा में भी होना चाहिए. मैं खास करके समाज से जुड़े युवाओं बुजुर्गों से निवेदन करूंगा कि इस तरह का कार्य को संपन्न कराने में आगे भी अपनी-अपनी भूमिका को निभाएं.

विवाह के इस कार्यक्रम मेंअनुमंडल पुलिस पदाधिकारी राहुल देव बड़ाइक ने कहा कि मुझे यहां आकर बहुत ही खुशी महसूस हो रही है कि सामाजिक तौर पर यहां आर्थिक रूप से कमजोर जोड़ों का विवाह संपन्न कराया जा रहा है. जो हम सामाजिक प्राणियों का, हम सामाजिक संगठनों का भी दायित्व बनता है. इस तरह के कार्य को संपन्न कराने में अपनी भूमिका जरूर निभाएं.

विशेष रूप से आदिवासी उरांव समाज के सभी पदाधिकारी को धन्यवाद देता हूं कि इस तरह के कार्य को संपन्न कराने में अपनी अहम भूमिका को निभा रहे हैं. इस विवाह समारोह में सचिव अनिल लकड़ा ने कहा कि हम लोग इस तरह के कार्य को संपन्न करने के लिए पिछले कई महीनो से विचार विमर्श कर रहे थे. लेकिन मुझे इस बात की खुशी है कि यह पहल सबसे पहले बान टोला में हुआ है. हम लोग इसको और आगे लेकर चलेंगे, जरूरत है कि समाज से जुड़े सभी हमारे भाई बंधु अपनी-अपनी भूमिका को समझें और अपना दायित्व को निभाएं.

कार्यक्रम में संबोधित करते हुए सलाहकार समिति से जुड़े बाबूलाल बरहा ने कहा कि इस तरह का कार्यक्रम होने से समाज में एक अच्छा संदेश जाता है और हम अनावश्यक खर्चे से भी बचते हैं. मेरा तो मानना है कि सिर्फ हमारा समुदाय ही नहीं बल्कि और भी समुदाय के लोगों को भी इस तरह के कार्य में आगे आना चाहिए. ताकि आर्थिक तंगी से जुड़े हुए युवक-युक्तियों को नव जोड़ी में बनने का सुयोग्य प्राप्त हो तथा विवाह संपन्न कराने में अनावश्यक खर्चे से भी हम सभी बच सकते हैं. समिति के कोषाध्यक्ष लक्ष्मण बरहा ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम होने से समाज के बीच सामाजिक दर्ज और इसके साथ ही साथ अपनी परंपरा को भी जानने का एक अच्छा मौका मिलता है.

इस कार्यक्रम को संपन्न कराने मे लक्ष्मी कच्छप, शकुंतला मिंज, लक्ष्मी खलखो, सावित्री कच्छप, बिरसी कच्छप, पुतुल खलखो, फागु खलखो,चमरू लकड़ा, राजु तिग्गा, सीताराम मुण्डा खुदिया कुजूर, शम्भू टोप्पो, जगरनाथ लकड़ा, राजेन्द्र कच्छप, दुर्गा कुजूर, कृष्णा तिग्गा, कृष्णा मुण्डा, दीपक टोप्पो, नितेश लकड़ा, निशांत मिंज, संजय कुजूर, शम्भू कच्छप, बुधराम कोया, कर्मा लकड़ा, आकाश टोप्पो, जगरनाथ टोप्पो, सावन लकड़ा, सुनील खलखो के अलावे सातों अखाडा से महिला पुरुष उपस्थित थे.

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