Chaibasa : झींकपानी प्रखंड के रघुनाथपुर गांव में ग्राम मुंडा का पद वर्षों से रिक्त पड़े रहने से ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जाति, आय, आवासीय प्रमाण पत्र बनवाने के लिये मुंडा का सत्यापन अनिवार्य होता है। इसके अलावे गांव के छोटे-मोटे विवादों के निपटारे में उनकी प्रमुख भूमिका होती है.

 

ग्रामीण अपना लगान भी मुंडा को ही देते हैं. लेकिन अब मुंडा का पद रिक्त पड़े रहने से ये सारे कार्य प्रभावित हो रहे हैं. मुंडा के अभाव में अब इलाकाई मानकी (बिंगतोपांग मानकी) के सत्यापन को आधिकारिक मान्यता मिली हुई है. रघुनाथपुर के ग्रामीण अब बिंगतोपांग मानकी जो राजनसाई में रहता है, के पास जाकर अपना आवेदन का सत्यापन करवाने को बाध्य हैं. मालगुजारी (लगान) रसीद भी उसी से कटवाना पड़ रहा है. इतना ही नहीं, रघुनाथपुर गांव के लिये स्वीकृत विकास तथा कल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन तथा ग्रामसभा में उसके चयन में भी मुश्किलें आ रही हैं. मुंडा की कमी के चलते कई लाभुक सरकारी लाभ से वंचित भी हो रहे हैं. बावजूद इस समस्या के समाधान की दिशा में सरकारी महकमा उदासीन बना हुआ है. ग्रामीण नरेश सावैयां, कमल सावैयां, श्याम सावैयां समेत अन्य लोगों ने बताया कि रघुनाथपुर गांव के लिये यथाशीघ्र ग्राम मुंडा बहाल किये जाने की जरूरत है. उन्होंने बताया कि प्रखंड प्रशासन को पहले भी इस समस्या से अवगत कराया गया था, फिर भी नतीजा सिफर ही है. मुंडा की कमी के चलते पर्व-त्योहारों के संबंध में भी फैसले लेने में परेशानी हो रही है. ज्ञात हो कि रघुनाथपुर गांव लंबे समय से ग्राम मुंडा से वंचित है. मुंडा की इसी कमी को गांव के ही बुजुर्ग इलाकाई मानकी से पूरा किया जाता था. परंतु उस मानकी की भी कुछ वर्ष पहले मृत्यु हो गयी. इसी के बाद यह पद भी रिक्त हो गया. गांव का एक गुट शिवशंकर सावैयां को मुंडा या मानकी बनाना चाहता है. क्योंकि शिवशंकर सावैयां इसी इलाके के पूर्व मानकी (रघुनाथपुर मानकी) के बेटे हैं तथा हुकूकनामे के अनुसार पारंपरिक तथा स्वाभाविक दावेदार भी हैं. इसीलिये उन्होंने मानकी बनने का दावा भी प्रस्तुत किया था. लेकिन अबतक इस दावे को आधिकारिक मान्यता नहीं मिली है.

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