Chaibasa : ना ना करते प्यार तुम्ही से कर बैठे…..यह चर्चित और प्रसिद्ध गाना सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा और उनके पति पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा पर सटीक बैठती है। विगत कई महीनो से सांसद गीता कोड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के भाजपा में शामिल होने की लगातार चर्चाएं चल रही थी और आए दिन अखबारों, टीवी चैनलो और सोशल मीडिया पर आए दिन खबरें प्रकाशित होती थी. जिसका खुद सासंद गीता कोड़ा और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा बार-बार सार्वजनिक और खुले मंच से किसी भी कीमत पर भाजपा में नहीं जाने की बात कहते थे और इससे मात्र अफवाह बताया जाता था। लेकिन आज वही अफवाह सच साबित हुई है और कोडा दंपति, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा अपनी सांसद पत्नी गीता कोडा के साथ भाजपा में शामिल हो गए हैं।
पूर्व सीएम मधु कोड़ा और सांसद गीता कोड़ा ने रांची में भाजपा कार्यालय में पूर्व मुख्यमंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी और प्रदेश भाजपा नेताओं क समक्ष भाजपा का दामन थाम लिया है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने प्रदेश कार्यालय में दोनों को पार्टी की सदस्यता ग्रहण करायी और पार्टी का पट्टा पहनाया। सासंद गीता कोड़ा और मधु कोड़ा के भाजपा में शामिल होना पार्टी लोकसभा चुनाव से पूर्व मास्टर स्ट्रोक माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लिए यह बहुत बड़ा झटका है। क्योंकि कोल्हान प्रमंडल के तीनों जिलों में गीता कोड़ा और उनके पति पूर्व मुख्यमंत्री मधुकोड़ा की अच्छी पकड़ है। कोडा दंपति के भाजपा में शामिल होने से कोल्हान में भाजपा मजबूत होगी और इसका लोकसभा और आने वाले विधानसभा चुनाव पर काफी असर देखने को मिलेगा।
लोस चुनाव से पहले कांग्रेस गठबंधन को लगा बड़ा झटका
लोकसभा चुनाव से पहले कांग्रेस गठबंधन को बड़ा झटका लगा है। सिंहभूम की एक महिला सांसद गीता कोड़ा कांग्रेस छोड़ देश के प्रधामंत्री नरेंद्र भाई मोदी के हाथ को मजबुत करने तथा देश का विकाश की गाथा को आगे बढ़ाने के लिए भाजपा का दामन थाम ली है।लोकसभा चुनाव से पहले सांसद गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने से झारखंड की इंडिया गठबंधन को बड़ा झटका मिला है। झारखंड के राजनीतिक घटनाक्रम और समीकरण को देखे जाय तो गीता कोड़ा भाजपा में शामिल होने से यह पार्टी के लिए बहुत बड़ी जीत हो गई है।वहीं कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लिए बड़ा झटका साबित हो सकता है। क्योंकि कोल्हान क्षेत्र सिंहभूम कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के हाथ से निकलने की संभावना बढ़ गई है।वैसे में गीता कोड़ा और मधु कोड़ा के विकल्प के रूप में कोल्हान में एक नेता या नेत्री चुनना कांग्रेस और इंडिया गठबंधन के लिए मुश्किल हो जायेगी।

मालूम हो कि कई महीने पहले से ही यह अटकलें लग रही थी कि कोटा गणपति पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोटा और गीता कोड़ा भाजपा में शामिल होंगे। जिस तरह से इंडिया गठबंधन झारखंड में कोड़ा दंपति को उपेक्षा किया जा रहा है और जगन्नाथपुर विधानसभा क्षेत्र के विधायक सोनाराम सिंकु को झारखंड सरकार के मंत्रालय में मंत्री पद नहीं देना यह भी एक बड़ा कारण माना जा रहा है।
ईडी-सीबीआई से बचने के लिए कोडा दंपति हुए भाजपा में शामिल –
चाईबासा में बाबूलाल के साथ गीता कोड़ा और मधु कोड़ा की सीक्रेट मीटिंग हुई पूर्व में हो चुकी थी। खैर मामला कुछ भी हो लेकिन कोल्हान के राजनिती में बड़ा बदलाव होने वाला है। ज्ञात हो की महागठबंधन की सरकार में लगातार कोड़ा दंपति के राजनीतिक कद को छोटा करने का प्रयास किया जा रहा था। जिससे नाराज होकर कोड़ा दंपति ने भाजपा का दामन थाम लिया है। वहीं भाजपा में शामिल होकर कोडा दंपति ने अपना राजनीतिक भविष्य भी सुरक्षित कर लिया है साथ ही ईडी और सीबीआई की जांच से भी अब कोडा दंपति को राहत मिलेगी। क्योंकि पूर्व मुख्यमंत्री मधुकोड़ा पर भी हजारों करोड़ों का विभिन्न घोटाला में शामिल होने का मामला दर्ज है और मधु कोड़ा को जेल भी जाना पड़ा है। मधु कोड़ा अभी जमानत पर बाहर है। सासंद गीता कोड़ा पर भी मामला चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने, ईडी द्वारा गिरफ्तार करने के बाद कोडा दंपति ने भी भाजपा का दामन थाम लिया है।
इधर, कांग्रेस और झामुमो के नेताओ का कहना है कि पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोडा, गीता कोड़ा पर घोटाले का मामला चल रहा है। पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा घोटालों के कारण जेल जा चुके हैं। सांसद गीता कोड़ा पर भी मामला चल रहा है । ईडी सीबीआई से बचने के लिए ही कोडा दंपति भाजपा में शामिल हुए हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद कोड दंपति पर लगे घोटाले के दाग धुल जाएंगे। भाजपा के वाशिंग पाउडर में कोडा दंपति पाक साफ हो जाएंगे। सासंद गीता कोड़ा के कांग्रेस पार्टी और झामुमो के बीच बीच तल्खी चल रही थी। सबसे बड़ी बात यह भी सामने आ रही है कि पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के जेल जाने और चंपई सोरेन सरकार में कोड़ा दंपति के चहेते विधायक सोना राम को कांग्रेस ने मंत्री पद नहीं दिया, इससे मधु कोड़ा काफी नाराज़ हो गए।
कोडा दंपति के भाजपा में शामिल होने से लोकसभा चुनाव होगा दिलचस्प, भाजपा और झामुमो के लिए बनेगी प्रतिष्ठा की सीट –
कोडा दंपति के भाजपा में शामिल होने से इस बार सिंहभूम लोकसभा में आर पार की लड़ाई देखने को मिलेगा। लोकसभा चुनाव काफी दिलचस्प होगा भाजपा से सांसद गीता कोड़ा चुनाव लड़ेंगे वहीं कांग्रेस गठबंधन से झामुमो के जिला अध्यक्ष सुखराम उरांव चुनाव लड़ सकते हैं। कई महीनो से कोडा दंपति और सांसद गीता कोड़ा एवं झामुमो के बीच बयान बाजी का दौर चल रहा था। सिंहभूम लोकसभा सीट और जिला में सबसे मजबूत होने और अधिकांश विधायकों के जीतने के कारण लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की घोषणा का राजनीतिक भूचाल ला दिया था। झामुमो के सभी विधायकों ने बैठक कर कांग्रेस की सासंद गीता कोड़ा की सिंहभूम सीट पर चुनाव लड़ने का दावा ठोक दिया था। जिसके बाद कोडा दंपति और झामुमो के नेताओं के बीच बयान बाजी का दौर चल रहा था। एक दूसरे को गठबंधन धर्म निभाने की नसीहत दी जा रही थी और एक दूसरे पर संगीन आरोप लगाकर हमला किया जा रहे थे। काफी दिनों से कोडा दंपति के भाजपा में शामिल होने की चली आ रही खबरों के बीच झामुमो ने भी सिंहभूम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की तैयारी शुरू कर दी थी। झामुमो के सभी विधायक, मंत्री के साथ साथ मुख्यमंत्री चंपई सोरेन का प्रतिष्ठा इस बार लोक सभा और विधानसभा पर दाव पर होगी।
कोडा दंपति के भाजपा में शामिल होने से कोल्हान में लोकसभा और विधानसभा की बदल जाएगी राजनीति तस्वीर –
कोडा दंपति, पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा और सांसद गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने के बाद अब लोकसभा और विधानसभा चुनाव की राजनीतिक तस्वीर पूरी तरह बदल जाएगी कोल्हान की राजनीति मैं अब काफी उलट फिर देखने को मिल सकता है। कोडा दंपति के आने से कोल्हान में भाजपा मजबूत होगी और इसका असर लोकसभा के साथ-साथ विधानसभा चुनाव पर भी पड़ेगा जो झामुमो के लिए चिंता का कारण बनेगी। भाजपा कोड़ा दंपति का विजय रथ लोकसभा में जाने की कोई कसर नहीं छोड़ेगी। लोकसभा चुनाव में भाजपा का नैया पार लगाने के लिए गीता कोड़ा अंतः भाजपा के शीर्ष नेताओं के सहमति के बाद शामिल हो गई। कोल्हान से चंपाई सोरेन मुख्यमंत्री बने हैं और हेमंत सरकार में मंत्री रही जोबा मांझी को मंत्री नहीं बनाकर कोल्हान प्रमंडल मुख्यालय चाईबासा से विधायक दीपक विरुवा को मंत्री बनाया गया है। कोडा दंपति के भाजपा में आने के बाद पूरे कोल्हान प्रमंडल में भाजपा मजबूत होगी क्योंकि कोल्हान प्रमंडल से सिंहभूम और पूर्वी सिंहभूम एवं सिंहभूम दो लोकसभा क्षेत्र आता है, साथ ही 14 विधानसभा की सीट हैं। जिसमें सिंहभूम लोकसभा सीट से खुद गीता कोड़ा सांसद थी और पूर्वी सिंहभूम से भाजपा के विद्युत वरन महतो सांसद चुने गए थे। लेकिन पूर्व के रघुवर दास सरकार में टिकट बंटवारे मे आपसी गुटबाजी और अंतर कलह के कारण खुद मुख्यमंत्री रघुवर दास चुनाव हार गए थे। और पूरे कोल्हान के 14 विधानसभा सीटों पर भाजपा की करारी हार हुई थी। कोल्हान के सभी 14 विधानसभा सीटों पर करारी हार के कारण ही झारखंड की सत्ता भाजपा के हाथ से चली गई थी और कोल्हान में भाजपा का सूपड़ा साफ हो गया था। इसी डैमेज कंट्रोल को रोकने के लिए कोल्हान का किला फतह करने के लिए कोडा दंपत्ति को भाजपा में शामिल कराया गया है क्योंकि भाजपा जानती है कि गीता कोड़ा भाजपा के पास सिंहभूम लोकसभा सीट जीतने वाला कोई दूसरा नेता और चेहरा नहीं है। एकमात्र गीता कोड़ा और मधु कोड़ा ही सिंहभूम लोकसभा सीट से भाजपा की चुनावी नैया पार लगा सकते हैं और सीट जीता सकते हैं।
कांग्रेस की नीतियों से नाराज सिंहभूम की सांसद गीता कोड़ा ने थामा भाजपा का दामन
कोल्हान ही झारखंड की सत्ता की सीढ़ी, कोल्हान जीते तो झारखंड में बनेगी सरकार, कोल्हान हारने के कारण ही भाजपा के हाथ से गई झारखंड की सत्ता-
कोडा दंपति के भाजपा में शामिल होने से कोल्हान की सिंहभूम लोकसभा सीट के सथ ही कोल्हान की सभी 14 विधानसभा सीट जीतकर भाजपा लोकसभा चुनाव के साथ-साथ विधानसभा चुनाव की भी तैयारी में जुट गई है। क्योंकि कोल्हान ही सत्ता की सीढ़ी है । झामुमो कोल्हान की सभी 14 विधानसभा सीटों जीतकर झारखंड की सत्ता पर काबिज हुई है। पूर्व में कोल्हान कि अधिकांश सीट जीतने के कारण ही झारखंड में भाजपा की सरकार बनी थी और सत्ता पर काबिज हुई थी। कोल्हान हारने के कारण ही भाजपा की झारखंड की सत्ता हाथ से चली गई। जगत लोकसभा और विधानसभा चुनाव का प्रचार करने के लिए खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के चाणक्य अमित शाह , राष्ट्रीय अध्यक्ष जे पी नड्डा सहित जंबो जेट भाजपा नेताओं की फौज ने चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंक दी थी। इसके बावजूद लोकसभा विधानसभा चुनाव में भाजपा की करारी हार हुई थी उसी समय से कोडा दपति को भाजपा में शामिल करने के लिए भाजपा के राजनीतिक पंडित जुट गए थे और आज कोटा दंपति भाजपा में शामिल हो गए हैं पूर्व से चली आ रही अटकलें और बताई जाए जा रही अफवाह आज सच साबित हुई ।
जगन्नाथपुर विधायक सोनाराम और कई कांग्रेस के नाराज विधायक भी भाजपा में जल्द होंगे शमिल –
कोडा दंपति के भाजपा में शामिल होने से भाजपा कार्यकर्ताओं में गजब का उत्साह देखा जा रहा है,अचानक से जिला के राजनीतिक वातावरण बदल गया है। अब देखना है कि जगन्नाथपुर विधायक का रुख क्या होगा। कोडा दंपत्ति के बल बूते विधायक बने सोना सोनाराम भी जल्द भाजपा में शामिल होगे। बताया जाता है की कांग्रेस और झामुमो के कई नाराज़ विधायक भी कोड़ा दंपति के साथ भाजपा का दामन थामने वाले थें। लेकिन विधानसभा सत्र को ध्यान में रखकर स्थगित कर दिया गया। लेकिन जैस-जैसे लोकसभा विधानसभा चुनाव आएगी वैसे-वैसे कई राजनीतिक समीकरण बनेंगे और कई लोग पाला बदलकर पार्टी में शामिल होंगे।
कोडा दंपति के भाजपा में शामिल होने से केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा और बड़कुंवर गगराई की राजनीतिक पर पड़ सकत है असर, एक दूसरे के रहे है घोर राजनीति विरोधी –
कोडा दंपति और सिंभूम के सांसद गीता कोडा के भाजपा में शामिल होने के बाद अब यह तय हो गया है कि सिंहभूम लोकसभा सीट से गीता कोड़ा ही चुनाव लड़ेगी पार्टी का टिकट गीता कोड़ा को ही मिलेगा। गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने से पर्व पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा, भाजपा नेता जेबी तुबिद और पूर्व मंत्री एवं मझगांव से दो बार विधायक रहे बड़कुंवर गागराई के नाम की चर्चा चल रही थी। मगर गीता कोड़ा के भाजपा में शामिल होने से अब यह फाइनल हो गया है कि गीता कोड़ा ही सिंहभूम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी। कोडा दंपति और पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा के घोर राजनीतिक विरोधी पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को कोल्हान की राजनीति से किनारे कर दिया गया है। अर्जुन मुंडा अब खूंटी लोकसभा से ही चुनाव लड़ेंगे। वहीं पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा के खास समर्थक पूर्व मंत्री एवं मजगांव से दो बार विधायक रहे बड़कुवर गागराई के मंझगाव विधानसभा से चुनाव लड़ने और टिकट मिलने पर खतरा मंडरा रहा है। क्योंकि बड़कुवर गागराई और कोडा दंपति के बीच नहीं बनती है। बड़कुवर गागराई कोडा दंपति के खिलाफ चुनाव भी लड़ चुके हैं। दोनों एक दूसरे के घोर राजनीतिक विरोधी भी रहे है, पिछले विधानसभा चुनाव टिकट काटकर मझगांव और जगन्नाथपुर विधानसभा से कोटा दंपति के समर्थक को टिकट दिया गया था। कांग्रेस में रहते हुए कोडा दंपति की रघुवर सरकार भाजपा में चलती थी। वही जिला भाजपा में भी आपसी गुटबाजी और अंतर कल चरम पर है। कोड़ा दंपत्ति के भाजपा में शामिल होने से लोकसभा और विधानसभा चुनाव पर इसका क्या असर पड़ता है। कोल्हान की राजनीति क्या होगी। कोल्हान की राजनीति करवट किसी ओर बैठेगी यह भविष्य के गर्भ में है।
http://झामुमो के बयान पर कांग्रेस सांसद गीता कोड़ा का बयान – ताली एक हाथ से नहीं बजती महा गठबंधन धर्म का पालन हो
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