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बालिका दिवस पर सांस्कृतिक कार्यक्रमों में नारी सशक्तिकरण पर बल

 

जमशेदपुर : राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय की एनएसएस इकाई, बी.एड और बी.एससी एवं जनसंचार विभाग के संयुक्त तत्वाधान में बहु सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की शुरुआत शिक्षा विभाग के डीन राज कुमार नायक ने अपनी सुविचारों से की. इसमें उन्होंने “यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः”, श्लोक एवं अशिक्षित जनजातियों को शिक्षित करने के संबंध में बातें की. उन्होंने बताया कि हमें धीरे-धीरे मानसिक तौर पर भी आगे बढ़ना होगा. इसके उपरांत विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने स्वागत नृत्य प्रस्तुत किया एवं नाट्य प्रस्तुति भी की. इसमें उन्होंने इंदिरा गांधी, किरण बेदी, सुष्मिता सेन, एवं अन्य शिक्षित महिलाओं को दर्शाते हुए बताया कि समाज में नारियों की क्या अहमियत होनी चाहिए. 

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कार्यक्रम में इसी विषय से संबंधित संगीत एवं कविता प्रस्तुत प्रस्तुति भी छात्रों के द्वारा किया गया. कार्यक्रम के समापन पर एडमिनिस्ट्रेटिव प्रो नाजिम खान ने बताया कि रक्षाबंधन का अर्थ है. सभी लड़कियां बहन समान हैं. साथ ही उन्होंने यह भी बताया कि पुरुषों की तुलना में महिलाओं को दिल का दौरा कम आता है. उन्होंने नारी सशक्तिकरण को लेकर और भी अपने विचार प्रस्तुत किये.

एनएसएस के छात्रों ने पोखारी गांव में नुक्कड़ नाटक का प्रदर्शन किया. साथ ही बालिकाओं की उच्च शिक्षा पर ज़ोर दिया. नेताजी सुभाष विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार नागेंद्र कुमार ने राष्ट्रीय बालिका दिवस के अवसर पर कहा कि आज का समाज हमारी बेटियों को न सिर्फ आगे बढ़ने को प्रेरित कर रही हैं, बल्कि उनके सपने को पूरा करने में उनकी मदद भी कर रही हैं. हमारा देश तभी समृद्ध हो पायेगा जब, यहां की हर बच्ची शिक्षित और आत्मनिर्भर बनकर देश का नाम रोशन करेगी.

http://Chaibasa: महिला सशक्तिकरण से ही प्रगतिशील समाज का निर्माण संभव  बडकुंवर गागराई कार्यक्रम में इसी विषय से संबंधित संगीत एवं कविता

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