Jamshedpur : पूर्व सांसद एवं आईपीएस डॉ अजय कुमार ने एक बयान जारी कर नीट पेपर लीक पर कहा है कि मोदी नेतृत्व वाली एनडीए सरकार को शर्म आनी चाहिए. उन्होने कहा कि पिछले 7 वर्षों में प्रश्नपत्र लीक होने की 70 घटनाएं हुई हैं. लेकिन मोदी जी हमेशा की तरह बिल्कुल चुप हैं. NEET परीक्षा पेपर लीक 23 लाख से अधिक छात्रों और उनके परिवारों के सपनों के साथ “विश्वासघात” है इसीलिए हमारे देश में बेरोजगारी और नौकरियों में भ्रष्टाचार सबसे बड़ा मुद्दा है.

डॉ अजय कुमार

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डॉ.अजय ने ऐसे कई उदाहरण दिए, जहां पेपर लीक के कारण परीक्षाएं रद्द कर दी गईं

-15 मार्च,2024 को बिहार में शिक्षक भर्ती परीक्षा में 75 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था लेकिन कुछ ही दिनों में पेपर लीक होने के कारण परीक्षा रद्द करनी पड़ी.

-17 फरवरी और 18 फरवरी को हुई यूपी पुलिस परीक्षा में 60 लाख अभ्यर्थियों ने हिस्सा लिया था. 24 फरवरी को पेपर लीक के चलते योगी सरकार को परीक्षा रद्द करनी पड़ी थी.

-बिहार, गुजरात और हरियाणा में हुई गिरफ्तारियों से साफ पता चलता है कि परीक्षा में योजनाबद्ध तरीके से भ्रष्टाचार किया गया है और ये भाजपा शासित राज्य पेपर लीक का केंद्र बन गए हैं.

-2023 में पेपर लीक के आरोपों के बीच यूपी पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा रद्द कर दी गई.

-उत्तर प्रदेश शिक्षक पात्रता परीक्षा 2021 (UPTET परीक्षा 2021), पेपर लीक के कारण परीक्षा रद्द कर दी गई थी.

-ओडिशा कर्मचारी चयन आयोग (OSSC) परीक्षा का पेपर लीक.

-हरियाणा में एचपीएससी, एचएसएससी,पुलिस भर्तियों समेत कई पेपर लीक घोटाले हुए.

डॉ.अजय ने कहा कि हमारे पास सबसे बड़ी युवा आबादी है.भाजपा सरकार इन युवाओं को सक्षम बनाने की बजाय कमजोर बना रही है.बच्चे सालों तक वैकेंसी आने का इंतजार करते हैं.जब कोई वैकेंसी आती है तो फॉर्म भरने का खर्च,परीक्षा देने का खर्च और अंत में सारी मेहनत भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ जाती है. भाजपा का ‘भ्रष्टाचार’ देश को कमजोर कर रहा है.

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