Close Menu
    Facebook X (Twitter) Instagram
    The News24 LiveThe News24 Live
    Facebook X (Twitter) Instagram
    Subscribe
    • Home
    • State
      • Bihar
      • Jharkhand
      • Orissa
    • Local
      • Chaibasa
      • Chakradharpur
      • Jagnnathpur
      • Jamshedpur
      • Kharswan
      • Novamundi
      • Seraikela-Kharsawan
      • Adityapur
      • Chandil
    • India
    • Business
    • Election
    • Entertainment
    • Politics
    • Sports
    • Special Report
    The News24 LiveThe News24 Live
    Home»#Local»Chaibasa»चर्च में हेरो: पर्व मनाए जाने पर आदिवासी समाज का विरोध, कहा – धर्मांतरित हो आदिवासियों को बरगलाने के लिए की हेरो: त्योहार चर्च में मनाते हैं, ये बर्दाश्त नहीं
    Chaibasa

    चर्च में हेरो: पर्व मनाए जाने पर आदिवासी समाज का विरोध, कहा – धर्मांतरित हो आदिवासियों को बरगलाने के लिए की हेरो: त्योहार चर्च में मनाते हैं, ये बर्दाश्त नहीं

    By The News24 Live10/08/2025No Comments4 Mins Read
    Share Facebook Twitter WhatsApp Pinterest LinkedIn Tumblr Email Telegram Threads
    Share
    Facebook Twitter LinkedIn Pinterest Email Telegram WhatsApp Threads

    Chaibasa (चाईबासा) : आदिवासी हो समाज महासभा की ओर से कोल्हान के दियूरियों की अगुवाई में 12 तारीख़ को चर्च में हेरो: पर्व मनाए जाने के विरोध में एक विरोध मार्च के उपरांत जिला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा जाएगा. यह निर्णय आदिवासी हो समाज महासभा के केंद्रीय अध्यक्ष मुकेश बिरूवा की अध्यक्षता में रविवार को महासभा की ओर से कोल्हान के दियूरियों की बैठक आयोजित कर ली गई.

    हो समाज ने ईसाई धर्म अपनाने वाले एक परिवार को सरना धर्म में लाया वापस, दो परिवार का किया सामाजिक बहिष्कार

    इस दौरान बालंडिया दियूरी सामू लागूरी ने कहा कि चर्च में हेरो: पर्व मनाने की बात हम दियूरियों के दिल में आग की तरह लगी है. चर्च में क्या वे लोग हिंदू और मुसलमानों का त्योहार भी मना सकते हैं या हो आदिवासियों को कमजोर समझ कर छेड़ा जा रहा है. यह बिल्कुल भी स्वीकार नहीं है. तुईबीर दियुरी मैथ्यू देवगम ने कहा कि चर्च में हेरो: पर्व संभव ही नहीं है. प्राकृतिक देवताओं के नाम पर खून चढ़ाने की प्रथा है, ना की चर्च में. उन्होंने कहा कि ये लोग हो आदिवासियों को अपने धर्म में मिलाने के लिए ऐसा करने की हिम्मत कर रहे हैं. जबकि हेरो: पूजा का प्रसाद भी ईसाइयों को छूने का अधिकार नहीं है.

    बैठक करते आदिवासी हो समाज के लोग

    हेरो: पर्व में देसाऊली, जायरा, पौणी के साथ साथ नगे एरा, बिंदी एरा जो गाँव के अलग अलग जगहों में निवास करते हैं, की उपासना होती है, ना ही ईसु या मरियम की. यह पूजा खुले में खेतों में ही संभव है, ना की चर्च की चहरीदीवारी के अंदर. इतना ही नहीं हेरो: पूजा मंदिर और मस्जिद में भी संभव नहीं है. ये लोग धर्मांतरित हो आदिवासियों को बरगलाए रखने के लिए की तुम्हारे त्योहार भी हम यहाँ चर्च में मनाते है, बोलकर ये सब हरकतें कर रहे हैं, जो हम दियूरियों को बिल्कुल स्वीकार नहीं है.

    बैठक में उपस्थित लोग

    कई वक्ताओं और दियूरियों ने ईसाई में धर्मांतरित लोगों को ST का आरक्षण से हटाने की बात कही. हो समाज में दीयूरी के चयन की एक पारंपरिक विधि है, दूसरे जाति के लोग चर्च में कैसे हो लोगों के दियूरी बन गए ? कई गांव से ईसाइयों के साथ विवाद की बात भी उठी. यदुनाथ तिऊ ने की हो समाज में मिसा बलि नाम की कोई चीज नहीं होती है, फिर चर्च में यह मिसा बलि प्रथा कहाँ से आई है ? इसका सीधा मतलब है, ये लोग हो समाज को समूल क्रिश्चियन बनाने के लिए ऐसा हरकत कर रहे हैं. इनडायरेक्टली ये लोग हो आदिवासियों के धार्मिक स्थलों को चर्च में कन्वर्ट करने की कोशिश कर रहे हैं. ईसाई मिशनरियों के कई गतिविधियों की जानकारी भी साझा की गई, जिसमें बीमारी से ठीक कराने के नाम पर हो आदिवासियों की संस्कृति को भला बुरा कहने की बात भी उठी. अंत में यह निर्णय हुआ कि हो समाज चर्च में हेरो: पर्व मनाने का सिलसिलेवार विरोध शुरू करेगा, जिसकी शुरुआत 12 अगस्त को विरोध मार्च के उपरांत उपायुक्त को ज्ञापन सौंफ कर किया जाएगा. पोस्ट ऑफिस चौक से उपायुक्त कार्यालय तक मार्च होगी, और जिला के अभिभावक को अपनी व्यथा और आक्रोश जताया जाएगा.

    आज की बैठक में सोमा कोड़ा, दियूरीयो में मैथ्यू देवगम, दीपक टीयू, लंकेश्वर कूदादा ताजन सिंकू, बागुन हेम्ब्रम, शंकर सिद्धू, शिवासिरका, समुचरण लागुरी, दुर्गाचरण बारी, बलराम लागूरी, बैजनाथ पिंगुआ, अनिल सिंकू नारांगा सिरका बुधराम सोय सभी दियुरीगण, बुद्धिजीवीयो में देवेंद्रनाथ चंपिया, कुसुम केराई, प्रताप बीरूली, चंद्रमोहन बिरुआ दुर्योधन मुंनदुया, सुरेश चंद्र देवगम, गब्बर सिंह हेंब्रम, एपिल समद छोटेलाल तमसोय, बामिया बारी, नागेश्वरी जरिका अंजू समद बिमला हेंब्रम, मुरारी अल्डा, यदुनाथ तीयू, कृष्ण चंद्र बिरुली एवं ग्रामीण उपस्थित थे.

    http://चाईबासा : “हो” समाज के ग्रामीणों ने ईसाई धर्म में अपनाने वाले पूर्व दियूरी का शव ससन दिरी के दफनाने से रोका

    chaibasa chaibasa news Charch west singhbhum कहा - धर्मांतरित हो आदिवासियों को बरगलाने के लिए की हेरो: त्योहार चर्च में मनाते हैं चर्च में हेरो: पर्व मनाए जाने पर आदिवासी समाज का विरोध ये बर्दाश्त नहीं
    Share. Facebook Twitter Telegram WhatsApp Threads Copy Link
    The News24 Live
    • Website

    Journalist

    Related Posts

    Adityapur Nisha Upadhyay Bhajan: एमआईजी मैदान में निशा उपाध्याय और कृष्णमूर्ति के भजनों पर झूमे श्रद्धालु, काली पूजा भजन संध्या में भोजपुरी गायिका निशा उपाध्याय ने भक्ति रस में डुबोया

    22/10/2025

    संयुक्त यूनियन, जनप्रतिनिधि व ग्रामीण हुए गोलबंद, गुवा सेल प्रबंधन के खिलाफ खोला मोर्चा

    22/10/2025

    सागुन सोहराई पर्व पर सांसद जोबा माझी ने बनाई रंगगोली, जताया संस्कृति से जुड़ाव

    22/10/2025
    © 2025 ThemeSphere. Designed by ThemeSphere.

    Type above and press Enter to search. Press Esc to cancel.